हमारे देश की आदिवासी संस्कृति सबसे अलग और समृद्ध : राम नरेश यादव

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राम नरेश यादवआई एन वी सी,
भोपाल,
राज्यपाल श्री राम नरेश यादव ने आज यहाँ इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के 38वें स्थापना दिवस समारोह का उदघाटन करते हुए कहा कि हमारे देश की आदिवासी संस्कृति विश्व की आदिवासी संस्कृति से सबसे अलग और समृद्ध है। यह संस्कृति मानव जीवन को एक नई दिशा और दृष्टिकोण देती है। मानव संग्रहालय द्वारा आदिवासी संस्कृति और मानव सभ्यता को कायम रखने और विश्व के कोने-कोने में पहुँचाने के लिए किये जा रहे प्रयास अनुकरणीय हैं। राज्यपाल श्री यादव ने इस अवसर पर कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले चार कलाकार और संग्रहालय के अधिकारी और कर्मचारी को शाल, श्रीफल, स्मृति-चिन्ह और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने 1001 दीपों से सुसज्जित ‘आल्विलाकू’ को प्रज्जवलित किया।
 
राज्यपाल श्री यादव ने कहा कि पूर्व में केन्द्र सरकार द्वारा सांस्कृतिक नीति बनाने का प्रयास किया गया था, परन्तु उसे मूर्तरूप नहीं दिया जा सका। श्री यादव ने कहा कि मानव संग्रहालय ने देश-विदेश में जो स्थान अर्जित किया है वह देश और प्रदेश के गौरव की बात है। यह संग्रहालय देश की विविधता में एकता की पहचान को पूरे देश और विदेश में पहुँचाने का महत्वपूर्ण माध्यम है। यहाँ से देश के वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश पूरे विश्व में फैलेगा।
 
ललित कला अकादमी के चेयरमेन श्री के.के. चतुर्वेदी ने कहा कि मानव संग्रहालय की स्थापना पंचशील नीति पर आधारित संस्कृति के दृष्टिकोण का मूर्तरूप है। यह विविध अवधारणाओं को एक जगह संग्रहीत करने का संग्रहालय है। इस संग्रहालय की स्थापना का उद्देश्य आदिवासी कला को पुनर्जीवित रखना है। यह मानव और नैसर्गिक संसाधनों को विकसित करने के लिए सेतु का काम करता है।
 
संग्रहालय के निदेशक श्री अरूण कुमार श्रीवास्तव ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सहायक क्यूरेटर श्री अरूण किरो ने स्वागत भाषण दिया। आभार डा. आर.एम. नायाल ने व्यक्त किया। इस अवसर पर गणमान्य नागरिक, देश के विभिन्न प्रांत से आये कलाकार उपस्थित थे।

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