मुम्बई,,
प्रसिद्ध कव्वाल जोड़ी शंकर शंभू में से शंभू जी के सुपुत्र राजा पंडित भी अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए संगीत के क्षेत्र में अपना नाम कमा रहे हैं हालाँकि वो उनकी तरह कव्वाली नही गाते हैं बल्कि फिल्मों में मधुर संगीत देते हैं. उनकी पहली फिल्म बतौर संगीतकार “जीत लेगें जहाँ” जल्दी ही रिलीज़ होने वाली है अशोका मोशन पिक्चर्स के बैनर में निर्मित फिल्म ‘जीत लेगें जहाँ’ के निर्माता हैं संजू सिंह, लेखक व निर्देशक हैं ललित एस एम बिष्ट. फिल्म में अभिनय करने वाले कलाकार हैं अशोक शुक्ला, नीलाम्बरी पेरूमल, गोल्डी सुमेल, पारस सिंह मिन्हास, एना, सोनेल सिंह आदि. इस फिल्म में ७ गीत हैं जिनमे संगीत दिया भी है और एक गीत भी गाया है राजा ने. इस फिल्म से पहले उन्होंने संजय लीला भंसाली की फिल्म “सावंरिया” व “गुज़ारिश” में भी संगीत सहायक के रूप में काम किया है. पिछले २५ वर्षों से फ़िल्मी दुनिया में बतौर संगीतज्ञ काम कर रहे राजा ने “दिल वाले दुल्हनियां ले जायेगें” में जतिन ललित के साथ, रूप कुमार राठौर, प्रीतम आदि अनेकों संगीतकारों के साथ काम किया है. पिछले दिनों राजा से बात -चीत हुई उनके संगीत सफर के बारें में, प्रस्तुत हैं कुछ मुख्य अंश —
· क्या आपने विधिवत संगीत की शिक्षा ली है ?
हाँ, पिताजी संभू जी से मैंने संगीत सीखा है वो ही मेरे गुरु थे मैंने उनसे ही हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ पाश्चत्य संगीत भी सीखा है. मैंने अपने पिता जी से भजन, गीत, टप्पा ठुमरी सूफी गीत व कव्वाली भी सीखी.
· आपको किस तरह का संगीत पसंद है ?
मुझे हर तरह का संगीत पसंद है मैं जैज भी सुनता हूँ और अपना भारतीय संगीत भी.
· आपको फिल्म “जीत लेगें जहाँ” में संगीत देने का अवसर कैसे मिला ?
हुआ यूँ कि मैं रियल्टी शो “सा रे गा मा पा” में संजय लीला भंसाली जी के साथ गया था जब उनकी फिल्म “गुज़ारिश” रिलीज़ होने वाली थी. उसी शो में मैंने गिटार भी बजाया था उसी शो को निर्देशक ललित ने भी देखा और मुझसे संपर्क किया. हम दोनों ने मुलाकात की, उन्हें मेरी धुने पसंद आयीं और बस मुझे यह फिल्म मिल गयी.
· आपकी इस फिल्म “जीत लेगें जहाँ” में कितने गीत हैं ? गीतों को गाया किसने है ?
इसमें ७ गीत हैं जिसमें एक गीत अनप्लगड है गीतों को गाया है शंकर महादेवन, श्रेया घोषाल, शान, शैल हाडा, प्रदीप पंडित ने तो गीतों को गाया ही है साथ में मैंने भी एक गीत गाया है.
· इन गायकों से ही गीत गवाने को कोई विशेष वजह ?
वजह यही है की सभी अच्छे गाते हैं
· सुना है आप फिल्म “जीत लेगें जहाँ” में राहत फतेह अली खान से एक गीत गवा रहे थे ?
हाँ इस फिल्म का एक गीत है “मरहवा” इस गीत के लिए हम चाहते थे कि राहत जी इसे गाये लेकिन कुछ समस्याओं की वजह से इस गीत को वो नही गा सकें. बाद में इसी गीत को प्रदीप पंडित ने गाया है.
· क्या प्रदीप की आवाज राहत की आवाज की जगह ले सकेगी ?
उनकी जगह लेने जैसी इसमें कोई बात नही है राहत भाई कैसा गाते हैं आप सभी को पता है. लेकिन प्रदीप ने भी बहुत ही अच्छे से गाया है इसे. जब आप सुनेगे तब आपको खुद विश्वास हो जाएगा की उनका चुनाव कहीं भी गलत नही है.
· आपके परिवार में क्या सब संगीत के क्षेत्र में ही हैं ?
हाँ मेरे भाई राकेश और प्रदीप दोनों ही गाते हैं दोनों ने कई फिल्मों में कव्वाली गायी है उन्होने फिल्म “प्यार के साइड ईफेक्ट” मोहरा में “तू चीज बड़ी है मस्त मस्त” फिल्म “बड़े मियाँ छोटे मियाँ” आदि अनेकों फिल्मों में गाया है और अनेकों आने वाली फिल्मों में भी गीतों को गा रहे हैं.
· आपने भी इस फिल्म में एक गीत गाया है जैसा की अभी आपने बताया ?
हाँ एक मस्ती भरा गीत है “लिसिन लिसिन वन थिंग, समथिंग लोचा है” इसे मैंने गाया है. एक गायक के तौर पर मैं देश – विदेश में परफोर्म कर चुका हूँ.
· आप गिटार भी बजाते हैं ?
हाँ एक गिटार वादक के रूप में मैंने स्व जगजीत सिंह, गुलाम अली, पंकज उधास, रूप कुमार राठौर, तलत अजीज, भूपेंद्र सिंह आदि के साथ गिटार बजाया है. एक म्यूजिक अरेंजर के रूप में मैंने जतिन ललित, तलत अजीज, नदीम श्रवण, इस्मायल दरबार व रूप कुमार राठौर के साथ काम किया है. मैंने मदहोशी, जहर, नजर, अनकही आदि फिल्मों में बैक ग्राउंड स्कोर दिया है इसके अलावा आने वाली फिल्म “किस हद तक” में भी बैक ग्राउंड म्यूजिक दिया है. मैंने लगभग सभी संगीत कंपनियों के साथ काम किया है जिनमें टिप्स, वीनस, टी सीरीज, मैग्ना साउंड मुख्य हैं.