दिल्ली,
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास मेँ गुरूवार का दिन लोकसभा के काले दिन के रूप में दर्ज हो गया। पृथक तेलंगाना राज्य का बिल जैसे ही ससंद के निचले सदन में पेश हुआ सीमांध्र से जुड़े कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी के सांसदों ने जमकर उत्पात मचाया। विजयवाड़ा से कांग्रेस के सांसद लगदापति राजगोपाल ने सांसदों के ऊपर काली मिर्च का पाउडर स्प्रे कर दिया, जिससे कई सांसद खांसने लगे और उनकी हालत खराब हो गई। खबर ये भी है कि सांसदों के बीच हाथापाई भी हुई है। आरोप है कि हाथापाई के दौरान टीडीपी के सांसद वेणुगोपाल ने चाकू निकाल लिया। इसी दौरान एक सदस्य ने स्पीकर मीरा कुमार के आसन पर रखे कागज़ोँ को छीनना शुरू किया और रिपोर्टर टेबल पर लगे माइक को तोड़ दिया। हंगामे और अव्यवस्था की स्थिति में स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दीया और सदन को खाली करा दिया गया।
इधर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा है कि तेलंगाना मुद्दे पर जिन सांसदों ने आज लोकसभा में भारी उत्पात किया, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि उन्होंने स्प्रे आदि छिड़ककर सांसदों की ‘हत्या’ का प्रयास किया है।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि सदन में जो भी कुछ हुआ, वह हम सबके लिए शर्मनाक है। यह लोकतंत्र पर बड़ा धब्बा है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि लोकसभा में आज जो कुछ हुआ, वह कांग्रेस और सरकार के साथ पूरे संसद के लिए शर्मनाक है और ऐसी अराजक स्थिति में सरकार को लेखानुदान मांगें पारित कराने के अलाव इस सत्र में और कुछ नहीं करना चाहिए।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि तेलंगाना विधेयक संसद में पेश कर दिया गया और अब यह सदन की संपत्ति बन गया है। हम कार्रवाई (उत्पात करने वाले सदस्यों पर) करेंगे। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि सदन में कुछ सदस्य चाकू, काली मिर्च पाउडर और अन्य हथियार लेकर आए थे। कमलनाथ ने कहा कि इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष से कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी और कार्रवाई करना उनका विशेषाधिकार है।
भाजपा सांसद यशवंत सिन्हा का कहना है कि इसकी ज़िम्मेदारी सीधी कांग्रेस पार्टी और यूपीए की है, संसद को ठीक से चलाना सरकार का काम है। जेडीयू के नेता शरद यादव ने कहा कि संसद के इतिहास में सांसदों का इस तरह का व्यवहार कभी नहीं देखने को मिला। उन्होंने कहा कि जिन सांसदों ने ये सब किया है, उन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
सत्ताधारी कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने मांग की है कि सदन के भीतर उत्पात मचाने वाले सांसदों की सदस्यता रद्द की जाए और इन्हें आपराधिक मामले के तहत गिरफ्तार किया जाए। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार इन सांसदों की गिरफ्तारी और सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव लेकर आएगी, इस पर फैसला स्पीकर को करना है। सीसीटीवी फुटेज से उपद्रव मचाने वाले सांसदों की पहचान की जा रही है। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि बिल पेश हो गया है और संसद को शर्मसार करने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मीरा कुमार ने कहा कि संसद में आज जो कुछ भी हुआ वह शर्मसार करने वाला है।
तेलंगाना बिल को आज लोकसभा पेश में किए जाने के मद्देनजर पहले से ही सदन के भीतर बवाल की आशंका थी। तेलंगाना समर्थन और विरोधी संसद के बाहर सुबह से जमा होने लगे थे। तेलंगाना मुद्दे और श्रीलंका में तमिलों की स्थिति जैसे विषयों पर सदस्यों के भारी शोर-शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज 11 बजे शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सीमांध्र क्षेत्र के कांग्रेस, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य एकीकृत आंध्र प्रदेश की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था, ‘आंध्र प्रदेश को एक रखें’ और हम एकीकृत आंध्रा चाहते हैं।’