आई एन वी सी न्यूज़
भोपाल,
पुण्य-सलिला नर्मदा को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिये सबको मिलकर प्रयास करना होगा। अकेले शासन के बस की बात नहीं है। आज हरदा जिले में नर्मदा यात्रा के आठवें दिन हरदा विकासखण्ड के ग्राम ऊवां में जन-संवाद कार्यक्रम में यह बात कही। कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह एवं पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक उपस्थित थे।
लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा में शामिल यात्रियों के प्रयासों की सराहना करते हुए उनसे यात्रा के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आपकी इस आहूति से निश्चित ही नर्मदा नदी को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।
ग्रामीणों ने भजन गाये। यात्रा के ग्राम खरदना एवं ऊवां पहुँचने पर गाँव की महिलाओं ने कलश से स्वागत किया। हर गाँव में उत्साह और उल्लास का वातावरण है।
श्री भौमिक ने कहा कि नर्मदा नदी में गंदगी प्रवाहित नहीं करें। उन्होंने कहा कि गंगा-जमुना ग्लेशियर से निकलती हैं जबकि नर्मदा वृक्षों के जड़ों के पानी से प्रवाहमान होती है। अत: अधिक से अधिक पौधे लगाएँ। नर्मदा नदी में किसी भी प्रकार की गंदगी प्रवाहित न करें।
नर्मदा के किनारे 15 करोड़ की लागत से होंगे विभिन्न कार्य : श्री भौमिक ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा अनुसार नर्मदा नदी के तटों पर 15 करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शौचालय, मुक्तिधामों, घाटों पर महिलाओं के लिय चेंजिंग रूम बनाने सहित अनेक कार्य करवाए जाऐंगे ।
ऊवां में पच्चीस लाख की लागत से बनेगा धर्मशाला : श्री भौमिक ने कहा कि ऊवां में अंबे माँ परिसर में पच्चीस लाख की लागत से धर्मशाला का निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंने ग्राम ऊवां की नर्मदा सेवा समिति के नामों की घोषणा की। श्री भौमिक ने वृक्षारोपण, स्वच्छता, जल-सरंक्षण, प्रदूषण की रोकथाम, जैविक खेती को प्रोत्सहन और माँ नर्मदा की निर्मलता बनाये रखने के लिये हरसंभव प्रयास करने का संकल्प दिलाया।
पूर्व मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि यह राजनैतिक नहीं सामाजिक यात्रा है। उन्होंने कहा कि इसमें ग्रमीणों की सहभागिता जरूरी है।
यात्रा में हर कोई किसी न किसी प्रकार का योगदान देने के लिये तत्पर है। इनमें से ही हैं दो साइकिल यात्री सरदार और बी.के. हिन्दुस्तानी। ये लगातार सेवा यात्रा के साथ चल रहे हैं। इनका मानना है कि युवा अगर रुचि लेंगे, तो नर्मदा नदी को देश की सबसे स्वच्छ नदी बनने से कोई नहीं रोक सकता।
यात्रा में चल रहे साधु-संत कहते हैं कि यह राजनैतिक नहीं, सामाजिक यात्रा है। इसलिये जरूरी है कि समाज का हर तबका यात्रा के उद्देश्यों को पूरा करने में मनोयोग से जुटे। इस मौके पर संगठन मंत्री श्री सुहास भगत और स्थानीय जन प्रतिनिधि, साधु-संत एवं ग्रामीण उपस्थित थे।