देहरादून,
हिमालयी महाकुम्भ श्री नंदादेवी राजजात यात्रा सुव्यवस्थित और सुरक्षित ढंग से आयोजित करने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। राजजात यात्रा मार्ग के सभी गांवों को निर्मल ग्राम योजना के अन्तर्गत आच्छादित किया जायेगा। राजजात यात्रा मार्ग के समस्त कार्य 15 जून तक पूरे कर लिये जाय। यात्रा व्यवस्थाओं के अनुश्रवण एवं क्रियान्वयन के लिए विधान सभा उपाध्यक्ष श्री अनुसुइया मैखुरी की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समिति गठित की जायेगी। यह निर्देश मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को सचिवालय में आयोजित नंदा देवी राजजात यात्रा की उच्च स्तरीय बैठक की समीक्षा के दौरान दिये।
बैठक मे मुख्यमंत्री ने यात्रा से जुड़े विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने विभागों से संबंधित कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित करे। इसके लिए धन की कोई कमी नही होगी। उन्होंने कहा कि यह यात्रा संवेदनशील क्षेत्रों से होकर निकलेगी, इसलिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से पूरी कर ली जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कहा कि वाण और वेदनी तक सभी को यात्रा में शामिल होने का अवसर दिया जायेगा, किन्तु इसके आगे की यात्रा नियंत्रित संख्या में संचालित होगी। उन्होंने कहा कि यात्रा के समस्त पड़ावों पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही उत्तराखण्ड की संस्कृति से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि इस यात्रा को धार्मिक मेले के साथ ही धार्मिक महाकुम्भ के रूप में आयोजित किया जाय। जिसमें सभी व्यवस्थाएं चाकचैबंद की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के संचालन में स्थानीय लोगो के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों एवं सभी राजनीतिक दलों के लोगों का पूरा सहयोग लिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर सभी सड़कों की मरम्मत व अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं 15 जून तक पूर्ण कर ली जाय। इसके लोनिवि के तीन डिविजन कार्य कर रहे है। मुख्यमंत्री ने बैठक में थराली में वैकल्पिम मार्ग बनाने की भी स्वीकृति दी। उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रीय राजमार्ग और बी.आर.ओ. के स्तर पर सड़कों की मरम्मत कार्य में देरी हो रही है, तो उनका निर्माण भी लोनिवि करे। उन्होंने इस संबंध में 19 मई को लोनिवि, एडीबी और पी.एम.जी.एस.वाई के अधिकारियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिये, जिसमें बनायी जाने वाली सड़कों का पूरा विवरण उपलब्ध रहे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि यात्रा में शामिल गढ़वाल व कुमायूं की सड़कों के साथ ही अन्य प्रमुख सड़कों का विवरण लेकर सभी संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि गांवो के संपर्क मार्गों को बनाने के लिए अलग से पी.आई.यू. गठित की जाय, तथा विधायकों के सुझाव के साथ निर्माण कार्य किये जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा देवी राजजात यात्रा को सभी सहयोग से सफल एवं सुगम तरीके से संचालित किया जायेगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि पी.एम.जी.एस.वाई की जिन सड़कों व पुलों के लिए धनराशि की आवश्यकता होगी, उसे राज्य सरकार द्वारा दिया जायेगा।
बैठक में विधान सभा उपाध्यक्ष अनुसुइया मैखुरी, सांसद तरूण विजय, पर्यटन मंत्री अमृता रावत, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट, विधायक राजेन्द्र भण्डारी, शैलारानी रावत, ललित फस्र्वाण, जीतराम, गणेश गोदियाल, चन्दन राम दास, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा सहित लोक निर्माण, पर्यटन, विद्युत, पेयजल, पुलिस, स्वाथ्य, खाद्य, परिवहन, नगर विकास वन आदि विभागों के उच्चाधिकारी एवं नंदादेवी राजजात यात्रा से जुड़े भुवन नौटियाल व देवेन्द्र कुंवर आदि उपस्थित थे।