चारधाम यात्रा अब शीतकालीन में भी – नहीं होगा धार्मिक मान्यताओं का अतिक्रमण

harish rawatआई एन वी सी ,
देहरादून,
चारधाम यात्रा की तर्ज पर बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास केंद्रों पर यात्रा प्रारम्भ करने पर तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज, मंदिर समितियों के पदाधिकारियों ने एक राय से अपनी सहमति दी है। सभी का कहना था कि श्री केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में तो वैसे ही चारधाम यात्रा चले जिस तरह से अभी तक चलती रही है, इनके शीतकालीन प्रवास केंद्रों में भी यात्रा प्रारम्भ की जा सकती है। इसमें परम्पराओं व धार्मिक मान्यताओं का किसी प्रकार अतिक्रमण नहीं होगा।
म्ंागलवार सांय बीजापुर में मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में मंदिर समितियों, पुरोहित समाज, होटल एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट, विभिन्न विभागों की बैठक आयोजित की गई जिसमें शीतकालीन चारधाम यात्रा चारों धामों के शीतकालीन प्रवास केंद्रों में प्रारम्भ करने पर गहन विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढावा देना सरकार का उद्देशय है परन्तु धार्मिक मान्यताओं व आस्थाओं का पालन सुनिश्चित करना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। शीतकाल में यमुनोत्री धाम की मुर्ति खरसाली, गगोंत्री की मुखबा, केदारनाथ की ऊखीमठ तथा बद्रीनाथ जी की पांडुकेश्वर (जोशीमठ) में स्थापित कर पूजा की जाती है। शीतकाल में इन स्थानों पर चार धाम की तर्ज पर ही यात्रा प्रारम्भ करने से स्थानीय लोगों को आजीवका मिलेगी, पर्यटन को बढावा मिलेगा व इन्फास्टेªक्चर विकसित होगा। विगत वर्ष की दैवीय आपदा के बाद इस वर्ष चारधाम यात्रा व नन्दा राजजात यात्रा के सफलतापूर्वक संचालन से विश्व में उत्तराखण्ड के प्रति सकारात्मक संदेश गया है। प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की संख्या बढ़ी हैं। यदि शीतकालीन चारधाम यात्रा प्रारम्भ की जाती है तो सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश और भी पुख्ता होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा की चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर सरकार को एक बडा निवेश करना होता है कपाट बंद होने के बाद इसका उपयोग नहीं होता है। शीतकालीन प्रवास केन्द्रों पर यात्रा शुरू करने से इसका सदुपयोग संभव होगा। तीर्थ पुरोहितों व पंड़ा समाज की एकराय से सहमति का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की इसके अनुरूप सुविधाएं जुटाने व आधारित संरचना के विकास के लिए जोर शोर से जुटना होगा। शीतकाल में सामान्यतः आपदा कम आती है तथा पहाड़ो में मैदानो की अपेक्षा अच्छी धूप रहती है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यात्रा मार्गो की गुणवत्ता सुधारने के लिए लो.नि.वि, बी.आर.ओ व अन्य संबधित अधिकारियों से समन्वय करने के निर्देश दिए। उन्होने पर्यटन विभाग को प्रचार अभियान की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष सुबोधानन्द बंह्यचारी, कृष्णाकांत कोटियाल, डिमरी धार्मिक पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, बालकृष्ण ध्यानी सहित पंडा/पुरोहित समाज के प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव पर सहमति देते हुए सड़को की दशा सुधारे जाने पर विशेष बल दिया।
बैठक में पर्यटन मंत्री दिनैश धनै, शहरी विकास मंत्री प्रीतम पंवार, विधायक शैलारानी रावत, राजेन्द्र सिंह भण्डारी, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी व तीर्थ पुरोहित/पंडा समाज के पदाधिकारी मौजूद थे।

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