आईपीएल की बखिया उधेड़ने पर आमादा है विपक्ष

सपना कुमारी ,,
नई दिल्ली,

आईपीएल के मामले में रोजाना हो रहे नये खुलासे ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है और तकरीबन तमाम विपक्षी दलों ने एक सुर में इस पूरे मामले की विस्तृत तहकीकात करने के लिये सरकार से यथाशीघ्र एक संयुक्त संसदीय समिति गठित किये जाने की मांग की है। इस मामले को लेकर आज संसद में भारी हंगामे का माहौल देखा गया जिसके कारण प्रश्नकाल व शून्यकाल पूरी तरह बाधित रहा और लोकसभा को दो बार स्थगित भी करना पड़ा। विपक्ष ने इस मसले पर सदन में चर्चा कराने के लिये लोकसभा अध्यक्ष को कार्यस्थगन प्रस्ताव भी दिया था जिसे स्वीकार नहीं किये जाने को लेकर भी विपक्षी दलों में काफी असन्तोश देखा गया। संसद में जारी हंगामे पर काबू पाने के मकसद से सदन के नेता व केन्द्रीय वित्तमन्त्री प्रणब मुखर्जी ने सांसदों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि वे विपक्ष की भावनाओं का सम्मान करते हैं और आईपीएल की जांच के लिये संयुक्त संसदीय समिति गठित करने पर सरकार न सिर्फ गम्भीरता के साथ विचार करेगी बल्कि जल्दी ही इस बारे में ठोस फैसला भी कर लेगी। प्रणब के इस बयान से भी विपक्ष के आक्रोश की आग शान्त नहीं हो सकी लिहाजा दो बार सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी।

आज लोकसभा की कार्यवाही आरम्भ होने के साथ ही समूचे विपक्ष ने एक सुर में प्रश्नकाल स्थगित कर आईपीएल के मसले पर चर्चा कराने की मांग करना शुरू कर दिया। सदन में विपक्ष की नेत्री सुशमा स्वराज ने अपनी बात रखते हुए कहा कि शिश थरूर द्वारा अपने पद से त्यागपत्र दे दिये जाने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि आईपीएल का पूरा विवाद शान्त हो जायेगा लेकिन इस पूरे गड़बड़झाले में अब नए सिरे से दो केन्द्रीय मन्त्रियों के शामिल होने की बात सामने आने से सदन की गरिमा को काफी ठेस पहुंची है। सुशमा के मुताबिक जो तथ्य सामने आ रहे हैं उससे लग रहा है कि आईपीएल में विदेशों से भी पैसा आ रहा है और बड़े पैमाने पर इसमें काले धन को भी खपाया जा रहा है। इस मामले में दो केन्द्रीय मन्त्रियों की संलिप्तता से सम्बंधित खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने इस मामले को संसद की प्रतिश्ठा, विश्वसनीयता व गरिमा के साथ सीधे तौर पर जुड़ा मसला करार दिया और इसकी जांच के लिये यथाशीघ्र एक संयुक्त संसदीय समिति गठित किये जाने की मांग की। राजग के संयोजक व जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने भी आईपीएल को पूरी तरह लूट व भ्रश्टाचार का अड्डा करार देते हुए आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी को खुले शब्दों में सबसे बड़ा लुटेरा बताया। उन्होंने कहा कि मोदी ने क्रिकेट के नाम पर भारी लूट मचाई हुई है और केन्द्रीय खेलमन्त्री महज विपक्ष के नेताओं की तरह बयानबाजी करके ही अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। उन्होंने मांग की ि कइस पूरे मामले का खुलासा करने के लिये यथाशीघ्र संसदीय समिति का गठन किया जाना चाहिए। माकपा नेता वासुदेव आचार्य ने भी संसदीय समिति के गठन की मांग पर जोर देते हुए सरकार को याद दिलाया कि भ्रश्टाचार व वित्तीय अनियमितताओं के बड़े मामलों की जांच के लिये संसदीय समिति के गठन की परंपरा रही है और हशZद मेहता काण्ड की जांच भी संसदीय समिति द्वारा कराई गई थी। उन्होंने आईपीएल की पूरी तहकीकात करके हकीकत का पर्दाफाश किये जाने और इस घपले के जिम्मेवार लोगों को बेनकाब किये जाने की मांग की। इसी प्रकार भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता ने आईपीएल के घपले को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए कहा कि संसदीय समिति से जांच कराकर इसका पूरा कच्चा चिट्ठा सामने लाया जाए और जांच में दोशी पाए जानेवाले तमाम मन्त्रियों, राजनीतिज्ञों, अधिकारियों व अन्य लोगों को समुचित दण्ड सुनििश्चत किया जाये।

विपक्ष द्वारा की जा रही नारेबाजी और हंगामे को देखते हुए प्रणब मुखर्जी ने सदन को आश्वस्त करना चाहा कि सरकार इस पूरे मामले की जांच करा रही है और संसदीय समिति गठित किये जाने की मांग पर भी गम्भीरतापूर्वक विचार कर जल्दी ही सरकार कोई ठोस फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि संसदीय समिति के गठन के बारे में कोई भी फैसला लेने के लिये सरकार को कुछ समय दिया जाना चाहिये क्योंकि इस तरह के निर्णय आनन-फानन में नहीं लिये जा सकते हैं। प्रणब की बातों से विपक्ष के आक्रोश पर कोई फर्क नहीं पड़ा और हंगामे के सिलसिले को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही को पहले बारह बजे तक के लिये और बाद में दो बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया। दूसरी ओर राज्यसभा में प्रश्नकाल के बाद इसी मसले को लेकर हंगामे का सिलसिला शुरू हो गया जिसे देखते हुए सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिये स्थगित कर दी गई। बाद में राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता एसएस अहलूवालिया ने बताया कि आईपीएल के विवाद को लेकर संसदीय समिति के गठन की मांग सरकार को स्वीकार करना ही होगा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सरकार की जो एजेंसियां जांच के काम लगी हुई हैं वे मामले के हर पहलू की जांच करने के लिये अधिकृत नहीं हैं जबकि संसदीय समिति के पास इस बात के खास अधिकार होते हैं कि वे किसी भी मामले की हर नज़रिये से विस्तृत जांच कर सकें। वास्तव में भाजपा की मंशा अलग अलग मन्त्रियों को घेरने के बजाए पूरे मामले की समग्र जांच कराकर तमाम दोशियों को बेनकाब करने और सबोंकी एकसाथ ही जिम्मेवारी तय कराने की है। पार्टी का मानना है कि अभी जिन नेताओं का नाम सामने आ रहा है उन पर अलग से हल्ला बोलने से आईपीएल का मसला पूरी तरह सामने नहीं आ पाएगा और इसके कई छुपे रूस्तम बच निकलेंगे। यही वजह है कि अहलूवालिया ने तथ्यों की अपूर्णता की आड़ लेकर उन मन्त्रियों से इस्तीफे की मांग करने से परहेज बरत लिया है जिनकी आईपीएल में संलिप्तता सुनििश्चत दिख रही है। हालांकि जब उनसे यशवन्त सिन्हा द्वारा कृशिमन्त्री शरद पवार और नागरिक उड्डयन मन्त्री प्रफुल्ल पटेल से इस्तीफे की जो मांग किये जाने के मसले पर पार्टी की प्रतिक्रिया पूछी गई तो अहलूवालिया ने गोलमोल जवाब देते हुए यह जरूर कहा कि सिन्हा की बातों से पार्टी पूरी तरह सहमत है। मामला साफ है कि विपक्ष ने आईपीएल की पूरी बखिया उधेड़ने का इरादा कर लिया है और फौरी तौर पर सामने आ रहे दोशियों के खिलाफ तुरन्त मोर्चा खोलकर वह मामले को कतई दबने का मौका नहीं देना चाहता है बल्कि इसमें संलिप्त तमाम लोगों का नाम पूरी तरह खुलकर सामने आने के बाद ही विपक्ष एक साथ समूची सरकार पर हमला बोलने की तैयारियों में है।

नई दिल्ली,

सपना कुमारी

आईपीएल के मामले में रोजाना हो रहे नये खुलासे ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है और तकरीबन तमाम विपक्षी दलों ने एक सुर में इस पूरे मामले की विस्तृत तहकीकात करने के लिये सरकार से यथाशीघ्र एक संयुक्त संसदीय समिति गठित किये जाने की मांग की है। इस मामले को लेकर आज संसद में भारी हंगामे का माहौल देखा गया जिसके कारण प्रश्नकाल व शून्यकाल पूरी तरह बाधित रहा और लोकसभा को दो बार स्थगित भी करना पड़ा। विपक्ष ने इस मसले पर सदन में चर्चा कराने के लिये लोकसभा अध्यक्ष को कार्यस्थगन प्रस्ताव भी दिया था जिसे स्वीकार नहीं किये जाने को लेकर भी विपक्षी दलों में काफी असन्तोश देखा गया। संसद में जारी हंगामे पर काबू पाने के मकसद से सदन के नेता व केन्द्रीय वित्तमन्त्री प्रणब मुखर्जी ने सांसदों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि वे विपक्ष की भावनाओं का सम्मान करते हैं और आईपीएल की जांच के लिये संयुक्त संसदीय समिति गठित करने पर सरकार न सिर्फ गम्भीरता के साथ विचार करेगी बल्कि जल्दी ही इस बारे में ठोस फैसला भी कर लेगी। प्रणब के इस बयान से भी विपक्ष के आक्रोश की आग शान्त नहीं हो सकी लिहाजा दो बार सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी।

आज लोकसभा की कार्यवाही आरम्भ होने के साथ ही समूचे विपक्ष ने एक सुर में प्रश्नकाल स्थगित कर आईपीएल के मसले पर चर्चा कराने की मांग करना शुरू कर दिया। सदन में विपक्ष की नेत्री सुशमा स्वराज ने अपनी बात रखते हुए कहा कि शिश थरूर द्वारा अपने पद से त्यागपत्र दे दिये जाने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि आईपीएल का पूरा विवाद शान्त हो जायेगा लेकिन इस पूरे गड़बड़झाले में अब नए सिरे से दो केन्द्रीय मन्त्रियों के शामिल होने की बात सामने आने से सदन की गरिमा को काफी ठेस पहुंची है। सुशमा के मुताबिक जो तथ्य सामने आ रहे हैं उससे लग रहा है कि आईपीएल में विदेशों से भी पैसा आ रहा है और बड़े पैमाने पर इसमें काले धन को भी खपाया जा रहा है। इस मामले में दो केन्द्रीय मन्त्रियों की संलिप्तता से सम्बंधित खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने इस मामले को संसद की प्रतिश्ठा, विश्वसनीयता व गरिमा के साथ सीधे तौर पर जुड़ा मसला करार दिया और इसकी जांच के लिये यथाशीघ्र एक संयुक्त संसदीय समिति गठित किये जाने की मांग की। राजग के संयोजक व जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने भी आईपीएल को पूरी तरह लूट व भ्रश्टाचार का अड्डा करार देते हुए आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी को खुले शब्दों में सबसे बड़ा लुटेरा बताया। उन्होंने कहा कि मोदी ने क्रिकेट के नाम पर भारी लूट मचाई हुई है और केन्द्रीय खेलमन्त्री महज विपक्ष के नेताओं की तरह बयानबाजी करके ही अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। उन्होंने मांग की ि कइस पूरे मामले का खुलासा करने के लिये यथाशीघ्र संसदीय समिति का गठन किया जाना चाहिए। माकपा नेता वासुदेव आचार्य ने भी संसदीय समिति के गठन की मांग पर जोर देते हुए सरकार को याद दिलाया कि भ्रश्टाचार व वित्तीय अनियमितताओं के बड़े मामलों की जांच के लिये संसदीय समिति के गठन की परंपरा रही है और हशZद मेहता काण्ड की जांच भी संसदीय समिति द्वारा कराई गई थी। उन्होंने आईपीएल की पूरी तहकीकात करके हकीकत का पर्दाफाश किये जाने और इस घपले के जिम्मेवार लोगों को बेनकाब किये जाने की मांग की। इसी प्रकार भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता ने आईपीएल के घपले को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए कहा कि संसदीय समिति से जांच कराकर इसका पूरा कच्चा चिट्ठा सामने लाया जाए और जांच में दोशी पाए जानेवाले तमाम मन्त्रियों, राजनीतिज्ञों, अधिकारियों व अन्य लोगों को समुचित दण्ड सुनििश्चत किया जाये।

विपक्ष द्वारा की जा रही नारेबाजी और हंगामे को देखते हुए प्रणब मुखर्जी ने सदन को आश्वस्त करना चाहा कि सरकार इस पूरे मामले की जांच करा रही है और संसदीय समिति गठित किये जाने की मांग पर भी गम्भीरतापूर्वक विचार कर जल्दी ही सरकार कोई ठोस फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि संसदीय समिति के गठन के बारे में कोई भी फैसला लेने के लिये सरकार को कुछ समय दिया जाना चाहिये क्योंकि इस तरह के निर्णय आनन-फानन में नहीं लिये जा सकते हैं। प्रणब की बातों से विपक्ष के आक्रोश पर कोई फर्क नहीं पड़ा और हंगामे के सिलसिले को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही को पहले बारह बजे तक के लिये और बाद में दो बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया। दूसरी ओर राज्यसभा में प्रश्नकाल के बाद इसी मसले को लेकर हंगामे का सिलसिला शुरू हो गया जिसे देखते हुए सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिये स्थगित कर दी गई। बाद में राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता एसएस अहलूवालिया ने बताया कि आईपीएल के विवाद को लेकर संसदीय समिति के गठन की मांग सरकार को स्वीकार करना ही होगा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सरकार की जो एजेंसियां जांच के काम लगी हुई हैं वे मामले के हर पहलू की जांच करने के लिये अधिकृत नहीं हैं जबकि संसदीय समिति के पास इस बात के खास अधिकार होते हैं कि वे किसी भी मामले की हर नज़रिये से विस्तृत जांच कर सकें। वास्तव में भाजपा की मंशा अलग अलग मन्त्रियों को घेरने के बजाए पूरे मामले की समग्र जांच कराकर तमाम दोशियों को बेनकाब करने और सबोंकी एकसाथ ही जिम्मेवारी तय कराने की है। पार्टी का मानना है कि अभी जिन नेताओं का नाम सामने आ रहा है उन पर अलग से हल्ला बोलने से आईपीएल का मसला पूरी तरह सामने नहीं आ पाएगा और इसके कई छुपे रूस्तम बच निकलेंगे। यही वजह है कि अहलूवालिया ने तथ्यों की अपूर्णता की आड़ लेकर उन मन्त्रियों से इस्तीफे की मांग करने से परहेज बरत लिया है जिनकी आईपीएल में संलिप्तता सुनििश्चत दिख रही है। हालांकि जब उनसे यशवन्त सिन्हा द्वारा कृशिमन्त्री शरद पवार और नागरिक उड्डयन मन्त्री प्रफुल्ल पटेल से इस्तीफे की जो मांग किये जाने के मसले पर पार्टी की प्रतिक्रिया पूछी गई तो अहलूवालिया ने गोलमोल जवाब देते हुए यह जरूर कहा कि सिन्हा की बातों से पार्टी पूरी तरह सहमत है। मामला साफ है कि विपक्ष ने आईपीएल की पूरी बखिया उधेड़ने का इरादा कर लिया है और फौरी तौर पर सामने आ रहे दोशियों के खिलाफ तुरन्त मोर्चा खोलकर वह मामले को कतई दबने का मौका नहीं देना चाहता है बल्कि इसमें संलिप्त तमाम लोगों का नाम पूरी तरह खुलकर सामने आने के बाद ही विपक्ष एक साथ समूची सरकार पर हमला बोलने की तैयारियों में है।

18 COMMENTS

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