आई एन वी सी,
रांची,
मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार उत्तराखंड त्रासदी में पीड़ित परिवार के साथ पूरी संवेदना रखती है और उनकी सहायता को हर संभव प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग कहीं भी हताहत हों,उन तक पहुंचने एवं उनकी सहायता के लिये सरकार सदैव तत्पर है। पिछले दिनों गोवा में भवन गिरने से हताहत झारखण्ड के निवासियों के बेहतर इलाज एवं मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके परिजनों तक पहुंचाने हेतु विशेष विमान की व्यवस्था की गयी। इस कार्य हेतु सचिव, आपदा प्रबंधन को गोवा भेजा गया। निकट भविष्य में यह भी व्यवस्था की जा रही है कि राज्य से बाहर जाने वालों की सूची सरकार के पास उपलब्ध रहे।
उन्होनें कहा कि उत्तराखंड त्रासदी देश की बहुत बड़ी दुर्घटना है। इसमें झारखण्ड के भी काफी लोग हताहत हुये हैं। अधिकतर लोगों की पहचान हो चुकी है, जिन्हें आज सहायता राशि दी जा रही है। दो-चार लोगों की पुष्टि अभी भी नहीं हो सकी है जिनके लिये प्रयास किये जा रहे हैं। प्रोजेक्ट भवन स्थित सभाकक्ष में उत्तराखंड त्रासदी में पीड़ित झारखण्ड के निवासियों के परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि के वितरण के दौरान उन्होनें कहा कि सरकार का प्रयास है कि ऐसे पीड़ितों को अधिक से अधिक मदद पहुंचाया सके। प्रत्येक मृतक के परिजनों के सहायतार्थ प्रधानमंत्री राहत कोष से प्राप्त 2 लाख रू॰ एवं आपदा प्रबंधन एथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा प्राप्त 1.5 लाख रू॰ के साथ ही साथ झारखण्ड आपदा प्रबंधन द्वारा 1.5 लाख रू॰ दिया जा रहा है। इनके अतिरिक्त भी यह प्रयास किया जा रहा है कि जिनके माता-पिता इस त्रासदी के शिकार हुये हैं, उन बच्चों के लिये भी कुछ राशि एकमुश्त जमा की जाय। उन महिलाओं, जिनके पति दिवंगत हुये या वैसे माता-पिता जो अपने पुत्र को खोकर निराश्रित हुये उनके सहायतार्थ भी कुछ राशि जमा की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो दिवंगत हो चुके हैं उन्हंे वापस नहीं लाया जा सकता परंतु उनके परिजनों का जीवन कुछ व्यवस्थित हो सके इसका प्रयास तो किया जा सकता है। वह हमारी सरकार कर रही है।मंत्री आपदा प्रबंधन, श्री मन्नान मल्लिक ने भी लोगों को संबोधित करते हुये कहा कि सरकार आपके दुःख के साथ है और हर संभव आपकी सहायता को तत्पर है। कार्यक्रम में 36 लोगों को कुल 5 लाख रू॰ की सहायता राशि एवं मृत्यु प्रमाण पत्र दिये गये। मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप 2 मिनट का मौन धारण किया गया। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन सचिव, श्री ए॰के॰सिंह, आपदा प्रबंधन अथोरिटी ऑफ इंडिया के डॉ॰ आर॰ के॰ देव एवं आपदा प्रबंधन विभाग के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।