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‘ दिल की लगी ‘ व् अन्य चार कविताएँ
कवि हैं ...संजय सरोज "राज" - कविताएँ -1. दिल की लगी...................दिल की लगी आज बुझाने चला हूँ
तडपता है दिल ये तेरी याद बनकर i
रोता है...
मीना कुमारी को समर्पित कविता- कवयित्री : ज्योति गुप्ता
कविता सुनो मीना
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सुनो,
आँखों के किनारे
सजाना इंद्रधनुष
और कलाई में रोप लेना
जंगली फूल के बेनाम कंगन।
चांदनी के आस्तीन से ढँकी
तुम्हारे ग़ज़ल...
वैलेंटाइन डे – 14 फरवरी वैलेंटाइन डे पर विशेष
- ज्योति गुप्ता -"प्रेम" बिना किसी दस्तक के ज़िन्दगी में दाखिल हो जाता है बगैर यह देखे कि समाज के दरवाजे पर किस धर्म,...
कविताएँ – कवयित्री : ज्योति गुप्ता
कविताएँ जोगी चाँदयूँ खिड़की पर जो आते हो
मन जोगन से क्या पाते हो
न वचन कोई ना कोई सपना
ले खाली दामन ही जाते हो,
... फिर बोलो...
कहानी तौब़ा-तौब़ा : लेखक महेन्द्र भीष्म
तौब़ा-तौब़ा‘अन्ततः वह अकाल मृत्यु का ग्रास बन ही गया।’ मेरे अन्तस तक मेरी ही मौन वाणी तीर की भाँति चुभती चली गयी।
अभी उस अभागे...
पांच कविताएँ : कवि संजय सरोज
पांच कविताएँ1. सपनो की दुनिया
सुबह सुबह जब नींद से जागा
उठ कर बैठ गया बिस्तर पर
बेल बजी तब दरवाजे की
नींद हो गयी थी रफू चक्कर
बेमन...
पांच कविताएँ : कवि संजय सरोज ” राज “
पांच कविताएँ1. उनके तस्वीर को अपने सीनेसे लगाये बैठे हैउनके आने की ख़ुशी में एक आस लगाये बैठे है
उनके तस्वीर को अपने सीने से...
छ कविताएँ : कवि संजय सरोज
कविताएँ1.हया
आज इस मुल्क और शहर को हुआ क्या है
सोचता हूँ की बाकी अब बचा क्या है
खुलेपन और सौंदर्य की चाह में
भूले, मान-मर्यादा और हया...
नवगीत : लेखिका मधु प्रधान
नवगीत1-
उठा है फिर झुरमुटों में
पंछियों का शोर
पायलें पनघट से बोलीं
हो गई लो भोर ।
हम हैं बंजारे डगर में
इस नगर से उस नगर में
चक्र में...
कहानी ” नसीबन ” : लेखक महेन्द्र भीष्म
- नसीबन - सूरज समाड़ा पहाड़ के पीछे छिपता...