Tag: poems of dr Pradyumna Kumar Kulshreshta
वेलेन्टाइनी दोहे – रचनाकार : डॉ० प्रद्युम्न कुमार कुलश्रेष्ठ
- वेलेन्टाइनी दोहे -(1)
प्रेम दिवस के नाम से उठे ह्रदय में ज्वार
अपना भी हो जाय कुछ मन की यही पुकार !(2)
फूलों की डलिया...
डॉ० प्रद्युम्न कुमार कुलश्रेष्ठ की कविताएँ
डॉ० प्रद्युम्न कुमार कुलश्रेष्ठ की कविताएँ (1)
कुछ क्षणिकाएं--
आज धूप निकली
क्या खूब निकली
=============
दिल ने कहा
दिल ने सहा
=============
जनतंत्र की रेल
संख्या का खेल
=============
कुछ सवाल खो गए
कुछ जवाब खो...
डॉ० प्रद्युम्न कुमार कुलश्रेष्ठ की कविताएँ
डॉ० प्रद्युम्न कुमार कुलश्रेष्ठ की कविताएँ (1)
गीत नहीं मैं मन की पीर कहा करता हूँ
भर जाने से बहुत अधीर रहा करता हूँ
पके आम की डाली...