Tag: development and participation
नरेगा के रास्ते अपने पैरों पर खड़े हैं विकलांग साथी
शिरीष खरेभूख से मौत और रोजीरोटी के लिए पलायन। ऐसा तब होता है जब लोगों के पास कोई काम नहीं होता। यकीनन गरीबी...
सुभागलाल का सपना सच हो गया
शिरीष खरेवैसे तो देश के असंख्य सुभागलालों का सपना सच नहीं होता है। मगर घोरवाल के सुभागलाल का सपना सच हो गया। उसके...
विकलांगता : स्थिति बनाम सामाजिक चश्मा
शिरीष खरेहमारे अतीत के हिस्से में ऐसे बहुत सारे बच्चे हैं जिनका नाम उनकी विकलांगता के आधार पर दर्ज हैं। अब नाम भले...
चेन्या के बदलाव के चित्र
शिरीष खरे‘‘मुंबई तेरी फुटपाथ पर/अनगिनत काम करते ये बच्चे/रात और दिन पसीना बहाते हुए/दौड़ते, भागते/ठहरते, हांफते/फिर भी हंसते हुए/मुसकुराते हुए/रंगीन गुब्बारे या...