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कविता – मेरे लफ़्ज तुझसे यकीं माँगें
- कवयित्री शालिनी तिवारी -
मेरे लफ़्ज तुझसे यकीं माँगेंझुरमुट में दिखती परछाइयाँ
घुँघुरू की मद्दिम आवाज
लम्बे अर्से का अन्तराल
तुझसे मिलने का इन्तजार
चाँद की रोशन रातों...





