Tag: साहित्य मंच
‘ दिल की लगी ‘ व् अन्य चार कविताएँ
कवि हैं ...संजय सरोज "राज" - कविताएँ -1. दिल की लगी...................दिल की लगी आज बुझाने चला हूँ
तडपता है दिल ये तेरी याद बनकर i
रोता है...
रोहित वैमुला व् अन्य कविताएँ : कवयित्री – आकांक्षा अनन्या
कविताएँ1. ख़ामोश ईश्वर
मैं जब दलितों की बात करती हूँ
माँ गौर से सुनती है
मैं उनकी दशा बताती हूँ
साथ आक्रोश जताती है
मैं उनके उत्थान की...
कविताएँ : कवि नंद किशोर सोनी
कविताएँ1 जीवन
एक क्षण भी समय का
नहंी व्यर्थ होना चाहिए।
जिन्दगी जीने का कोई
अर्थ होना चाहिए।
रूप कैसा भी हो तन का
भाव मन के उच्च हो।
भावनाओं की...
कविताएँ ” विषय – विज्ञान और कविता ” : कवि मुकेश...
कविताएँ 1. रूट कैनाल ट्रीटमेंट !!तुम्हारा आना
जैसे, एनेस्थेसिया के बाद
रूट कैनाल ट्रीटमेंट !!जैसे ही तुम आई
नजरें मिली
क्षण भर का पहला स्पर्श
भूल गया सब
जैसे चुभी...
पांच कविताएँ : कवि संजय सरोज
पांच कविताएँ1. सपनो की दुनिया
सुबह सुबह जब नींद से जागा
उठ कर बैठ गया बिस्तर पर
बेल बजी तब दरवाजे की
नींद हो गयी थी रफू चक्कर
बेमन...
पांच कविताएँ : कवि संजय सरोज ” राज “
पांच कविताएँ1. उनके तस्वीर को अपने सीनेसे लगाये बैठे हैउनके आने की ख़ुशी में एक आस लगाये बैठे है
उनके तस्वीर को अपने सीने से...
पाँच कविताएँ : कवि डॉ. विवेक सिंह
कविताएँ 1. काव्य प्रेरणा
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काव्य प्रेरणा
लहरों सी बहती
कौशल और जुनून
खेलते भाव
प्रत्येक शब्द है
भाग्य के धागे में गूँथे
एक पतंग की तरह अशांत
सहजता की ओर अग्रसर
व्यस्त ऊंचाइयों के खिलाफ
भावावेग...
छ कविताएँ : कवि संजय सरोज
कविताएँ1.हया
आज इस मुल्क और शहर को हुआ क्या है
सोचता हूँ की बाकी अब बचा क्या है
खुलेपन और सौंदर्य की चाह में
भूले, मान-मर्यादा और हया...
कविताएँ : कवि किशन कारीगर
कविताएँ1. कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ?
(हास्य कविता)
मुझे तो बस यही चिंता सत्ता रही
की बजी अब चुनाबी घंटी
मैं कैसे अपना वोट बैंक बढ़ाऊँ
सत्ता की गलियारों में...
जयराम जय की कविताएँ
कविताएँ1-
सहारा यहाँ कौन है
मित्र मिलते हैं
मिलते हैं सभी स्वारथ के,
कृष्ण को सुदामा यहाँ कौन है ?
मानव पतन के
अनेक दीखते हैं द्वार
उस पार जाने का
सुद्वारा...