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‘ तुम्हें एहसास नहीं ‘ व् अन्य चार कविताएँ
- कवयित्री हैं ... जयति जैन (नूतन) -कविताएँ 1. तुम्हें एहसास नहीं
तुम क्या जानो क्या होती है
तन्हाई, चीखती खामोशी
तुम्हे एहसास नहीं कराया मेने
बंद कमरे मे...