Tag: कविता जगत
प्रेमचंद गांधी की कविताएँ
प्रेमचंद गांधी की कविताएँनित्यानन्द गायेन की टिप्पणी : प्रेमचंद गांधी हमारे समय के उन कवियों में हैं जिनकी पहचान उनकी रचनाओं से होती है। जीवन...
स्नेहलता बोस की पाँच कविताएँ
स्नेहलता बोस की पाँच कविताएँ डॉ शेफालिका वर्मा की टिप्पणी : चलंत पद्यों और गीतों की अमावसी शस्य गहन उद्बोधन तले दब रही गंभीर काव्यों की...
श्वेता मिश्र की पाँच कविताएँ
श्वेता मिश्र की पाँच कविताएँ 1. निशान
पतीले में आग पर रखा दूध
ले रहा था उबाल पर उबाल
क्षण भर को फिसलती नज़र
और एक उबाल ...बिखर गया दूध
ह्रदय...
राहुल सिंह की चार कविताएँ
राहुल सिंह की चार कविताएँ 1.फिर से निरंकुश बन जाऊँ
मुन्ना
जी करता है ,तेरे संग गुड़कियाँ लगाऊँ
भागा -दौड़ी कर के गली में खूब शोर मचाऊँ
दिन के...