Tag: कविता जगत
राजेश कुमार सिन्हा की कविताएँ
1. सवाल करती है मुझसे
कई बार सवाल करती है मुझसे
मेरी कविता
मै क्यों लिखता हूँ
मै क्यों पन्ने रंगता हूँ
मै पशोपेश मे पड़ जाता हूँ
क्या जबाब...
जयश्री रॉय की कहानी : खंडित आस्था
खंडित आस्था - जयश्री रॉय -मधु ने उसके सामने गर्म कांजी की थाली रखी थी, “मुंह में कुछ दे रूपा, उस नन्ही सी जान के...
जयश्री रॉय की कहानी : प्रायश्चित
- प्रायश्चित -
जंगल में जगह-जगह लगी भट्टियों में बनती शराब की गंध से ग्रीष्म ऋतु की संध्या मदिर हो उठी है। वर्ष के...
डॉ राजीव राज की कविताएँ
कविताएँ1 सब जले
आचार जले सुविचार जले।
मानवी लोक व्यवहार जले।
हर चौखट पर लपटंे लिपटीं,
अवतारों के दरबार जले।
परिवर्तन की तोड़ खुमारी जाग बाबरे जाग।
आग लगी है...
डॉ राजीव राज के मुक्तक
डा0 राजीव राज के मुक्तक- मुक्तक -हैं सियासी गिद्ध नभ में नोंचने को बोटियाँ।
बिछ गयीं देखो बिसातें चल रहे हैं गोटियाँ।
जल रहा है अन्नदाता...
कमल जीत चौधरी की कविताएँ
कमल जीत चौधरी की कविताएँलोकतंत्र
नीचे
चार बेतलवा
पंजीरी खाते लोकतंत्र के जूतों में हैं
छालों सने समाजवाद के पाँव
...
जूतों तले एक जैसे लोग
बनते भोग -
ऊपर
भोगी इन्द्रि एक
रूप...
जयश्री राय की लघु कथा चाँद समंदर और हवा
जयश्री रॉय की लघु कथा चाँद समंदर और हवा - चाँद समंदर और हवा -
मेरी ने फिर बाहर जाकर देखा – सूरज डूब चुका है।...
राजकुमार धर द्विवेदी के मुक्तक
राजकुमार धर द्विवेदी के मुक्तकबातें करता गांव-गली की, अमराई , खलिहान की,
गेहूं, सरसों, चना, मटर की, अरहर, कुटकी, धान की।
नेताओं के कपट, छलावे, लिखता दर्द...
अनीता मौर्या ‘अनुश्री’ की पाँच कविताएँ
अनीता मौर्या 'अनुश्री' की पाँच कविताएँ (1) इश्क़
इक पल को मेरी आँख में मंजर ठहर गया
लो इश्क़ आज हुस्न के दिल में उतर गया,कहता था...
अस्मित राठोड़ की पाँच गज़ले
अस्मित राठोड़ की पाँच ग़ज़ले
1 . खुदा को सलाम लिख लेता हूँ
बेहतर नहीं, बस मेरे ख्याल लिख लेता हूँ
कभी जवाब तो कभी सवाल लिख...