Tag: कविता जगत
नवगीत : लेखिका मधु प्रधान
नवगीत1-
उठा है फिर झुरमुटों में
पंछियों का शोर
पायलें पनघट से बोलीं
हो गई लो भोर ।
हम हैं बंजारे डगर में
इस नगर से उस नगर में
चक्र में...
कहानी ” नसीबन ” : लेखक महेन्द्र भीष्म
- नसीबन - सूरज समाड़ा पहाड़ के पीछे छिपता...
सुशांत सुप्रिय की कविताएँ
कविताएँ 1. विडम्बना
कितनी रोशनी है
फिर भी कितना अँधेरा है
कितनी नदियाँ हैं
फिर भी कितनी प्यास है
कितनी अदालतें हैं
फिर भी कितना अन्याय है
कितने ईश्वर हैं
फिर भी कितना...
महेंद्र भीष्म की कहानी – स्टोरी
स्टोरी
अनिल ने बिस्तर पर लेटे-लेटे दीवार घड़ी की ओर देखा, सुबह के नौ बजनेे को थे ‘ओह! मॉय गॉड’ कहकर वह एक झटके से...
उदय वीर सिंह की कविताएँ
कविताएँ 1- धर्म वालों मैं पुछना चाहता हूँ
किस धर्म का ये गीत है
खून खूनी जिंदगी -
किस पंथ की ये रीत है
कदमों के नीचे वंदगी -
करुणा दया...
साहिल जे सिंह की चार ग़ज़ले
ग़ज़ल 1-
रोज़ चाहत में रुसवा सरे आम हो रहे हैं
रंज सब इस जहाँ के मेरे नाम हो रहे हैं
क्या कहूँ यार तौबा नज़र मुंतज़िर के...
महेन्द्र भीष्म की कहानी : मात
कहानी " मात " रात्रि प्रारम्भ हो चुकी थी या यों कह लिया जाये कि शाम ढल चुकी थी। गाँव में बिजली का होना न...
सुशांत सुप्रिय की हे राम और अन्य चार कविताएँ
कविताएँ 1. हे राम !
उनके चेहरों पर लिखी थी
' भूख '
उनकी आँखों में लिखे थे
' आँसू '
उनके मन में लिखा था
' अभाव '
उनकी काया पर...
प्रतिभा कटियार की कविताएँ
कविताएँ1. राष्ट्रगौरव
जगह जगह से आते लोग,
म्रगतृष्णा के बीज बो जाते।
कहीं पनपता अंधविश्वास,
तो कहीं उन्मुक्त रूप से होता हास-परिहास।
शिष्टाचार सदा झलकता,
एैसे भी हैं कई जिले प्रान्त...
महेन्द्र भीष्म की कहानी ” स्त्री ”
- स्त्री -अभी पिछले वर्ष की ही तो बात है। महरी रामदई ने राम को प्यारी होने से कुछ माह पूर्व अपनी ब्याहता बेटी...