– कवि है …दीपक सेन –
मैं सब कुछ देख रहा हूँ……
मैं सब कुछ देख रहा हूँ……
सड़को पर बिछी लाश
और खूनमें लिपटी जीवन की आश देख रहा हूँ
मैं सब कुछ देख रहा हूँ
युवाओं के हाथों में तलवार और उसमें चमकती तेजधार देख रहा हूँ
मैं सब कुछ देख रहा हूँ….
ताल है सुखा और उसमें गोलियों की बौछार देख रहा हूँ
मैं सब कुछ देख रहा हूँ…..
धधकता सूरज आसमान में,मैं मन्दसौर में देख रहा हूँ
मैं सब कुछ देख रहा हूँ…
किसान बैठा धरती पर और जवान लेटा अर्थी पे देख रहा हूँ,
मैं सब कुछ देख रहा हूँ….
काले घुप बादलों से संकट की बरसात देख रहा हूँ….
मैं सब कुछ देख रहा हूँ…
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परिचय-:
दीपक सेन
छात्र ,युवा लेखक व् कवि
दीपक सेन वर्तमान में मीडिया का छात्र हैं, माखनलाल विश्वविद्यालय (MCU) से B.A. in mass communication तृतीय वर्ष में अध्ध्यन कर रहे हैं l
संपर्क -:
ईमेल – : deepaksen323@gmail.com
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BAHUT ACCHCHI KAVITA LIKHI DIPAK…. KAVI KA DEKHANA HI USKA COMMENT HO GAYA BADHAI
Dhanywad mitra