{ डा. किरण सेठ* }
‘’ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर में अध्ययन के बाद मैं पीएचडी करने के लिए न्यूयार्क के कोलम्बिया विश्वविद्यालय गया था। उन्हीं दिनों, ब्रुकलिन अकादमी ऑफ म्युजिक, न्यूयार्क में मुझे ध्रुपद गायन सुनने का मौका मिला। उस गायन ने जैसे मेरे मन के तारों को झंकृत कर दिया। गायक कलाकार थे – उस्ताद नसीर अमीयुद्दीन डागर और उस्ताद फरीदूद्दीन डागर। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मैं अपनी संस्कृति से कितना दूर हूं’’ यह कथन है किरण सेठ का जो हमारे देश के अधिकतर युवाओं की भी कहानी है। प्रतिस्पर्धा के इस युग में हमारा युवा वर्ग कई मायनों में वंचित रह जाता है।
‘’वर्ष 1976 में देश लौटकर मैंने दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में अध्यापन शुरू किया। युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ने के लिए मैं दिलो-जान से जुट गया। अगले ही साल मैंने कुछ साथियों के साथ मिलकर एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया।‘’
पिछले 35 वर्षों के दौरान कई लोग साथ जुड़ते चले गए और आज स्पिक मैके भारत के 400 शहरों और 50 विदेशी शहरों में कार्यक्रमों का आयोजन कर चुका है। पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से भारतीय प्रबंधन संस्थान कोलकाता में आगामी 20 मई -26 मई, 2013 के बीच पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसका उदघाटन राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी करेंगे।
इस सम्मेलन के दौरान श्रीमती गिरिजा देवी, प्रोफेसर टी.एन. कृष्णन, पंडित बिरजू महाराज, विद्वान टी.वी.शंकरनारायणन, पंडित शिव कुमार शर्मा, श्रीमती अंजलि इला मेनन, पांडवानी गायिका श्रीमती तीजन बाई के साथ कई और जाने माने कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यही नहीं इस सम्मेलन के दौरान देश भर से आए स्कूलों और कॉलेजों के 1500 विद्यार्थी भारत की प्राचीन आश्रम प्रथा से रूबरू होंगे।
नादभेद नामक कार्यक्रम के माध्यम से अखिल भारतीय स्तर पर एक शास्त्रीय संगीत प्रतिस्पर्धा का आयोजन किये जाने की भी योजना है। यह आयोजन स्पिक मैके और दूरदर्शन के संयुक्त तत्वाधान में होगा। यह भारतीय शास्त्रीय संगीत को समर्पित एक गौरवशाली रियलिटी शो होगा जिसमें कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी शैली के गायन और वाद्य यंत्रों की सुंदर प्रस्तुति होगी। इसका एकमात्र उद्देश्य युवाओं में हमारी समृद्ध संगीत परंपरा का प्रचार-प्रसार करना है।
इस कार्यक्रम के दौरान 6 श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। पंडित भीमसेन जोशी युवा पुरस्कार (हिंदुस्तानी संगीत), पंडित रविशंकर युवा पुरस्कार (हिंदुस्तानी वाद्य), उस्ताद अल्ला रक्खा युवा पुरस्कार (हिंदुस्तानी उपवादक), श्रीमती एम एस सुब्बुलक्ष्मी युवा पुरस्कार (कर्नाटिक गायन), विदवान शेख चिन्ना मौलाना युवा पुरस्कार (कर्नाटिक वाद्य), विदवान पालघाट मणिअय्यर युवा पुरस्कार (कर्नाटिक उपवादक)। प्रत्येक श्रेणी के अंतर्गत्विजेता को 5 लाख रूपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर फाइनल में आने वाले कलाकारों के अलावा प्रोत्साहन के तौर पर 10 हजार रूपये का पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।
भारतीय संगीत कला और संस्कृति की धारा हमारे देश के साथ-साथ पूरे विश्व को समृद्ध कर रही है। हमारे युवा वर्ग को भी स्पिक मैके के बदौलत अपनी संस्कृति के साथ परिचित होने का एक बेहतरीन मंच मिला है।
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डा. किरण सेठ*
*लेखक को कला क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा ‘पदम श्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
Other Distinguished Award
Distinguished Alumnus Award by the IIT Kharagpur.
NDTV Indian of the Year under Arts and Culture category in 2009.
Sahitya Kala Parishad Award.
Sanskriti Award.
Harballabh Sangeet Sammelan Award.
Keshav Kothari Smriti Award.
Chand Khan Award.
Rajiv Gandhi National Sadbhavana Award 2011.