नई दिल्ली,
ओजस्वी पार्टी के कार्यालय में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी ओम जी की अध्यक्षता में हिन्दू संगठनों की एक बैठक हुई जिसमें मथुरा में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से अतिक्रमण हटाने के बहाने जय गुरूदेव भक्तों और उनके गुरू राम वृक्ष यादव को जिन्दा जलाने की जमकर निन्दा की गयी। हिन्दू संगठनों ने इसे न्यायालयों द्वारा प्रशासन के काम में जबरदस्ती टांग अडाने की बढती प्रव्ति का दुःष्परिणाम बताया।
बैठक में हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए दारा सेना के अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने कहा कि कुछ सालों से देखा जा रहा कि उच्च और उच्चतम न्यायालय के कुछ चालाक न्यायधीश जनहित याचिकाओं के नाम पर हिन्दुओं के धार्मिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं,यह जानते हुए भी की इनमें से ज्यादातर याचिकाऐं सी आइ ए और आतंकवादी ईसाई मिष्निरियों से जुडी फोर्ड फाउन्डेशन की आतंकवादी एनजीओ द्वारा लगवायी जाती हैं।
श्री जैन ने मथुरा में जय गुरूदेव श्री रामवृक्ष यादव द्वारा चलाये जा रहे शान्तिपूर्ण सत्याग्रह को जनहित याचिका के अतिक्रमण के नाम पर कुचलने वाले उच्च न्यायालय के न्यायधीशों द्वारा मूलाधिकारों का हनन् करना इनकी कानूनी बुद्धि का दिवालियापन बताता है।इलाहाबाद के ही उच्च न्यायालय के न्यायधीशों ने गंगा को प्रदूषण से बचाने की आड में पिछले साल मूर्तियों और फूलो के विर्सजन पर रोक लगाकर प्रशासन और सन्तों के बीच पो फसाद पैदा किया था उसमें भी इन कानूनी बुद्धिहीन अ न्यायधीशों ने धार्मिक मूलाधिकार 26 का हनन् किया था जिसके अन्तर्गत अपने धार्मिक कार्यो के प्रबन्धन का मूल अधिकार संविधान द्वारा दिया गया है।जिसकी प्रदूषन जैसे सामान्य कानून की आड में मूलाधिकार अवहेलना नही की जा सकती इतना भी इन अन्यायधीशों को मालूम नहीं ?
बैठक में स्वामी आम जी ने हिन्दू संगठनों की और से सरकार से मांग की कि सरकार मथुरा में प्रशासन पर थोपे गये उच्च न्यायालय के जजों के गलत फैसले की न केवल समीक्षा करे बल्कि प्रशासनिक कार्यो में हस्तक्षेप करने वाले उन न्यायधीशो को तत्काल गिरफ्तार करे जिनके द्वारा थोपे गये गलत फैसले के कारण मथुरा पुलिस के 2 उच्च अधिकारियों की दुःखद मौत के साथ साथ 26 जयगुरूदेव सत्याग्रही भक्तों की भी मृत्यु हुई जिनमें से 11 को तो जिन्दा जलाकर मारा गया।
ओजस्वी पार्टी के कार्यालय में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी ओम जी की अध्यक्षता में हिन्दू संगठनों की एक बैठक हुई जिसमें मथुरा में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से अतिक्रमण हटाने के बहाने जय गुरूदेव भक्तों और उनके गुरू राम वृक्ष यादव को जिन्दा जलाने की जमकर निन्दा की गयी। हिन्दू संगठनों ने इसे न्यायालयों द्वारा प्रशासन के काम में जबरदस्ती टांग अडाने की बढती प्रव्ति का दुःष्परिणाम बताया।
बैठक में हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए दारा सेना के अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने कहा कि कुछ सालों से देखा जा रहा कि उच्च और उच्चतम न्यायालय के कुछ चालाक न्यायधीश जनहित याचिकाओं के नाम पर हिन्दुओं के धार्मिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं,यह जानते हुए भी की इनमें से ज्यादातर याचिकाऐं सी आइ ए और आतंकवादी ईसाई मिष्निरियों से जुडी फोर्ड फाउन्डेशन की आतंकवादी एनजीओ द्वारा लगवायी जाती हैं।
श्री जैन ने मथुरा में जय गुरूदेव श्री रामवृक्ष यादव द्वारा चलाये जा रहे शान्तिपूर्ण सत्याग्रह को जनहित याचिका के अतिक्रमण के नाम पर कुचलने वाले उच्च न्यायालय के न्यायधीशों द्वारा मूलाधिकारों का हनन् करना इनकी कानूनी बुद्धि का दिवालियापन बताता है।इलाहाबाद के ही उच्च न्यायालय के न्यायधीशों ने गंगा को प्रदूषण से बचाने की आड में पिछले साल मूर्तियों और फूलो के विर्सजन पर रोक लगाकर प्रशासन और सन्तों के बीच पो फसाद पैदा किया था उसमें भी इन कानूनी बुद्धिहीन अ न्यायधीशों ने धार्मिक मूलाधिकार 26 का हनन् किया था जिसके अन्तर्गत अपने धार्मिक कार्यो के प्रबन्धन का मूल अधिकार संविधान द्वारा दिया गया है।जिसकी प्रदूषन जैसे सामान्य कानून की आड में मूलाधिकार अवहेलना नही की जा सकती इतना भी इन अन्यायधीशों को मालूम नहीं ?
बैठक में स्वामी आम जी ने हिन्दू संगठनों की और से सरकार से मांग की कि सरकार मथुरा में प्रशासन पर थोपे गये उच्च न्यायालय के जजों के गलत फैसले की न केवल समीक्षा करे बल्कि प्रशासनिक कार्यो में हस्तक्षेप करने वाले उन न्यायधीशो को तत्काल गिरफ्तार करे जिनके द्वारा थोपे गये गलत फैसले के कारण मथुरा पुलिस के 2 उच्च अधिकारियों की दुःखद मौत के साथ साथ 26 जयगुरूदेव सत्याग्रही भक्तों की भी मृत्यु हुई जिनमें से 11 को तो जिन्दा जलाकर मारा गया।