आईएनवीसी ब्यूरो
नई दिल्ली. होटल उद्योग की समकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने होटल परियोजनाओं के अनुमोदन के नियमों तथा होटलों के वर्गीकरण के लिए दिशानिर्देशों की हाल ही में समीक्षा की है।
अंतर्राष्ट्रीय एवं घरेलू यात्रियों की बदलती जरूरतों के साथ देश में हाल की घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा और संरक्षा संबंधी उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए होटल वर्गीकरण नियमों की समीक्षा आवश्यक थी जो पिछली बार 2003 में की गई थी। होटल उद्योग तथा संबंधित हितधारकों के साथ लम्बे विचार-विमर्श के बाद इन दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दिया गया है।
पर्यटन मंत्रालय ने वर्गीकरण नियमों को विभिन्न रूप से निशक्त व्यक्तियों के अनुकूल बनाने की प्रमुख चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत बेहतरीन व्यवहारों को अपनाया गया है। देशभर में मौजूदा तथा नए सभी श्रेणियों के होटलों को अब विभिन्न रूप से निशक्त व्यक्तियों की जरूरतों को पूरा करना होगा। इसके लिए पहली सितंबर, 2010 से विभिन्न रूप से निशक्त व्यक्तियों के लिए विशेष कक्ष, शौचालय, स्नानगृह और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।
संशोधित दिशानिर्देशों में सुरक्षा एवं संरक्षा संबंधी मसलों पर भी ध्यान दिया गया है। जिनके अनुसार स्टार श्रेणी के होटलों को अब मेटल डिटेक्टर्स, सीसीटीवी, एक्स-रे मशीन, वाहनों की जांच के लिए अंडर बेली स्केनर, कर्मचारियों और सप्लायर आदि की प्रामाणिकता जैसी सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी।
विस्तृत दिशा-निर्देश पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट www.incredibleindia.org पर देखे जा सकते हैं।
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