शिमला,
मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों और सेवारत सैनिकों के कल्याण के प्रति कृतसंकल्प है और उनके निःस्वार्थ सेवा भावना के प्रति कृतज्ञता दर्शाते हुए सरकार ने वर्तमान बजट में शौर्य पुरस्कार विजेताओं की वार्षिकी को बढ़ाया है। मुख्यमंत्री आज यहां सैनिक कल्याण कोष की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सैनिक कल्याण कोष की पिछली बैठक वर्ष 2005 में आयोजित हुई थी और पूर्व सरकार के समय में इसकी कोई भी बैठक आयोजित नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कारगिल में ‘आॅपरेशन विजय’ के शहीदों के 52 परिवारों को पांच लाख रुपये प्रत्येक को अनुग्रह राशि प्रदान की है तथा इस दौरान शारीरिक रूप से अक्षम हुए 17 सैनिकों को भी अनुग्रह राशि प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त शहीदों के 38 आश्रितों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया तथा सेना से सेवामुक्त हुए 9 अपंग सैनिकों को भी पुनः रोजगार प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मशाला में युद्ध स्मारक को स्थापित करने के लिए दो करोड़ रुपये का काॅरपस कोष स्थापित किया गया है तथा स्मारक को आकर्षक एवं भव्य बनाने के लिए विशेषज्ञ वास्तुकार की सेवाएं ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि स्मारक में हिमाचल प्रदेश के बहादुर सैनिकों जिन्होंने ब्रिटिश आर्मी के समय से लेकर आज दिन तक विभिन्न प्रतिष्ठित मेडल जीते हैं उनकी अर्ध-प्रतिमा स्थापित की जाएगी तथा स्माकर में अन्य शहीदों के नामों के शिलालेख भी स्थापित किए जाएंगे ताकि भावी पीढ़ी उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। समिति ने जुलाई 2005 से जनवरी 2014 के दौरान 3,94,68,400 रुपये हुए खर्चों की कार्योत्तर स्वीकृति भी प्रदान की। शेष 4,73,94,411 रुपये की राशि मुख्यमंत्री सैनिक कल्याण कोष में उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने इस राशि को बढ़ाने के लिए प्रभावी प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक घरानों एवं अन्य क्षमतावान क्षेत्रों को इस कोष में योगदान के लिए सम्बद्ध किया जाना चाहिए क्येांकि यह कोष शहीदों एवं पूर्व सैनिकों के लिए है जिन्होंने अपना सर्वस्व मातृ भूमि की रक्षा के लिए समर्पित किया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. कर्नल धनीराम शांडिल जिनके पास सैनिक कल्याण विभाग का कार्यभार भी है ने मुख्यमंत्री तथा अन्य अधिकारियों एवं गैर सरकारी सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने मुख्यमंत्री सैनिक कल्याण कोष के अन्तर्गत कार्यान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों तथा कोष के तहत दी जा रही वित्तीय सहायता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। गैर सरकारी सदस्य ब्रिगेडियर राजेन्द्र राणा, कर्नल डी.सी. लगवाल, मेजर जयकृष्ण ने भी इस अवसर पर इस कोष के तहत विभिन्न गतिविधियों को और सुदृढ़ बनाने के लिए अपने सुझाव दिए। उन्होंने ‘वन रैंक वन पैंशन’ के मामले को उठाने, जिसे भारत सरकार ने स्वीकृत किया है, के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की यह लंबे समय से चली आ रही मांग थी जिसे केन्द्र सरकार ने स्वीकृत किया है। इससे प्रदेश के बड़ी संख्या में सेवानिवृत सैनिक लाभान्वित होंगे। कार्यकारी मुख्य सचिव श्री पी.मित्रा, प्रधान सचिव वित्त डा. श्रीकांत बाल्दी, सदस्य सचिव श्री हरीश नेगी तथा अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।