ब्यूरो
नई दिल्ली. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तमिलनाडु, झारखंड, छतीसगढ, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड तथा राजस्थान में सात नए भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) की स्थापना के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.
दिसंबर, 2007 में राष्ट्रीय विकास परिषद द्वारा समर्थित 11वीं पंचवर्षीय योजना के साथ-साथ देश में सात नये प्रबंधन संस्थानों की स्थापना जिसमें एक भारतीय प्रबंधन संस्थान वर्ष 2008-09 से अपना पहला अकादमिक सत्र चलाने वाला राजीव गांधी भारतीय प्रबंधन संस्थान (RGIIM) पहले ही शिलांग मेघालय में स्थापित किया जा चुका है और शेष छह भारतीय प्रबधन संस्थान तमिलनाडु, झारखंड, छतीसगढ, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड तथा राजस्थान में स्थापित किए जायेंगे। इसके साथ ही एक भारतीय प्रबंधन संस्थान दिनांक 25.2.2009 को वित्तमंत्री की बजट घोषणा की दृष्टि से राजस्थान में भी बनाया जाएगा.
मंत्रिमंडल ने प्रत्येक आईआईएम के लिए 11वीं और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 451 करोड़ रुपए (333.00 करोड़ रुपए गैर आवर्ती व्यय तथा 118 करोड़ रुपए आवर्ती व्यय के लिए) के परिव्यय को भी मंजूरी दी है। 2009-10 के दौरान स्थापित किए जाने वाले 4 आईआईएम में से प्रत्येक के लिए 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए अनुमानित परिव्यय 166 करोड़ रुपए (135 करोड़ रुपए गैर-आवर्ती व्यय और 31 करोड़ रुपए आवर्ती व्यय के लिए) रखे गए हैं। शेष तीन आई आई एम के लिए जिनकी स्थापना 2010-11 के दौरान की जाएगी, 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए प्रत्येक के लिए 131 करोड़ रुपए (107 करोड़ रुपए गैर-आवर्ती व्यय और 24 करोड़ रुपए आवर्ती व्यय के लिए) होंगे। 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान सात नए भारतीय प्रबंधन संस्थानों की स्थापना के लिए निधियों कुल आवश्यकता 1057 करोड़ रुपए होगी।
प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम मुख्य कार्यक्रम होगा। यह प्रस्ताव किया गया है कि स्नातकोत्तर कार्यक्रम के पाठयक्रम के प्रथम चरण में 140 विद्यार्थियों को लिया जायेगा और द्वितीय चरण की समाप्ति तक यह संख्या 560 विद्यार्थी प्रतिवर्ष तक पहुंच जाएगी. ये प्रशिक्षित व्यक्ति प्रति वर्ष देश की कुशल श्रमशक्ति में शामिल हो जाया करेंगे।
जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड तथा राजस्थान में आईआईएम के लिए स्थान निश्चित किये जाने हैं।