दिल्ली,
बहु प्रतिक्षित जनलोकपाल विधेयक जिसे आज दिल्ली सरकार द्वारा गुरुवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन पेश किए जाने की संभावना थी वो आज पेश नहीं होगा और खबर है कि आम आदमी पार्टी इसे विधायकों को वितरित करेगी, ताकि वे इस प्रस्तावित कानून का अध्ययन कर सकें।
गौर तलब है कि सरकार के सूत्रों ने कहा कि विधेयक आज पेश नहीं किया जाएगा। इसे सदस्यों को वितरित किया जाएगा और इसे कल पेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तय प्रक्रिया के अनुसार विधेयक को कल विधानसभा में पेश किए जाने की संभावना है और यदि कांग्रेस एवं भाजपा इसके पक्ष में मतदान नहीं करतीं, तो मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल इस्तीफा दे सकते हैं।
केंद्र से टकराव लेते हुए आप सरकार पहले ही घोषित कर चुकी है कि वह केंद्र की अनुमति ज़रूरी होने की कानून मंत्रालय की राय के बावजूद जनलोकपाल विधेयक को विधानसभा में पेश करने जा रही है। केजरीवाल उल्लेख करते रहे हैं कि केंद्र से पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है, जबकि भाजपा और कांग्रेस का मत है कि कार्यवाही संबंधी नियम-2002 के तहत स्वीकृति जरूरी है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने सरकार के कदम को यह कहकर असंवैधानिक करार दिया कि तय प्रक्रियाओं का पालन किया जाना होगा। रविवार को केजरीवाल ने कहा था कि यदि अन्य दलों के समर्थन के अभाव में विधेयक पारित नहीं हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे।
बीती रात कानून मंत्रालय ने कहा था कि दिल्ली सरकार के विधायी कामकाज से संबंधित नियम संवैधानिक हैं जिनके अनुसार विधेयक को पारित करने से पहले केंद्र की सहमति जरूरी है। उपराज्यपाल नजीब जंग ने सोमवार को कानून मंत्रालय से इस मुद्दे पर राय मांगी थी।
जनलोकपाल और स्वराज विधेयकों को पारित कराने के लिए विधानसभा का चार दिन का सत्र आयोजित किया जा रहा है। आप सरकार ने उपराज्यपाल की आपत्ति के बावजूद सत्र का अंतिम दिन इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित करने की योजना की घोषणा की है।