दिल्ली,
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को वीआईपी की गाड़ियों पर से लाल बत्ती और सायरन हटाने के लिए एक महीने पहले निर्देश दिया था। उसी निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सख्त रूख अपनाते हुए उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के वाहनों को छोड़कर सभी वाहनों पर फ्लैशर्स के साथ लाल बत्ती पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि लालबत्ती का उपयोग केवल उच्च संवैधानिक पदों पर नियुक्त अधिकारियों के वाहनों पर ही किया जाना चाहिए और नीली बत्ती का उपयोग केवल आपात सेवाओं और पुलिस के वाहनों के लिए किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने निर्देश में कहा कि साइरनों का उपयोग केवल आपात सेवाओं और पुलिस द्वारा किया जाना चाहिए। लेकिन उसकी आवाज अनावश्यक रूप से कठोर और तीखी नहीं होनी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें तीन महीने के भीतर उन पदों की एक सूची पेश करें जो लालबत्ती के उपयोग के लिए अधिकृत हैं। न्यायालय ने कहा कि उसके निर्देश का उल्लंघन करने पर कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा। न्यायालय ने आदेश दिया कि पुलिस बिना भय और पक्षपात के मोटर वेहकिल एक्ट के प्रावधानों को लागू करे।