लखनऊ ,
विशिष्ठ अतिथि व वक्ता कवि मधुकर अस्थाना ने मुक्तिपथ प्रेमपथ महाकाव्यगीत पुस्तक पर परिचर्चा करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि मुक्तिपथ प्रेमपथ महाकाव्य गीत अपने आप में अनूठी पुस्तक है क्योकि यह सहज हिन्दी भाषा में रचित विश्व की सबसे लंबी लयबद्ध अटूट धाराप्रवाह काव्य रचना है, जिसमें कोई उप खंड नहीं है, इस तरह यह पुस्तक एक विश्व कीर्तिमान भी स्थापित करती है, ज़िंदगी के सभी पहलुओं को स्पर्श करती हुए प्रो सरन घई ने आदर्श जीवन की सोच को साकार किया है
विशिष्ठ अतिथि व वक्ता कवि नरेश सक्सेना ने बंजारन पुस्तक पर परिचर्चा करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि कुंती की कवितायें मानवीय प्रवृत्तियों को आज की विसंगतियों और विकृतियों के बीच देखने और उन पर कुछ कहने की कोशिश है ये कवितायेँ नए प्रतीक और बिम्बों के साथ पाठक के मन में आहिस्ते से जगह बना लेती हैं|
विशिष्ठ अतिथि व वक्ता एहतराम इस्लाम ने परों को खोलते हुए – १ पुस्तक पर परिचर्चा करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि इस पुस्तक का शीर्षक बिलकुल सार्थक और सटीक है, साहित्याआकाश में उड़ान भरने हेतु संकलन में सम्मिलित कवियों द्वारा अपने नए नए किन्तु सशक्त परों को खोलने का प्रयास आने वाले समय कि सुखद आहाट है इस पुस्तक में छंदमुक्त कविताओं के होने पर भी इसमें एक विशेष अनुशासन देखने को मिला है
समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्री सोम ठाकुर जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि तीनों काव्य पुस्तकों के केन्द्रीय भाव में मानवीय संवेदना प्रस्फुटित हो रही है व अंजुमन प्रकाशन को शुभकामनाएं दी तथा कहा कि विशवास है कि भविष्य में भी अंजुमन प्रकाशन ऐसे श्रेष्ठ साहित्य को पुस्तक रूप में पाठकों तक पहुंचाता रहेगा
दो दिवसीय समारोह में शिरकत करने के लिए देश भर से दो दर्जन से अधिक साहित्यकार लखनऊ आये हैं, जिसमें प्रो सरन घई (कानाडा), गणेश जी बागी (पटना), सौरभ पाण्डेय (इलाहाबाद), राणा प्रताप सिंह (जैसलमेर), फरमूद इलाहाब्दी (इलाहाबाद), डॉ सूर्या बाली (भोपाल) अरुण कुमार निगम(छत्तीसगढ़), गीतिका वेदिका (इंदौर), डॉ प्राची सिंह (हल्द्वानी), महिमा श्री (पटना), शुभ्रांशु पाण्डेय (इलाहाबाद) वंदना तिवारी(हरदोई) विन्ध्येश्वरी प्रसाद (गोंडा) सहित लखनऊ से शरदिंदु मुखर्जी, ब्रिजेश नीरज, केवल प्रसाद सत्यम, प्रदीप सिंह कुशवाहा, कुंती मुखर्जी, शैलेन्द्र सिंह मृदु, अन्नपूर्णा वाजपेयी, आशुओश वाजपेयी, व अन्य साहित्यकारों ने कार्यक्रम में मौजूद रहे
धन्यवाद ज्ञापन अंजुमन प्रकाशन के प्रोपराईटर आकाश केसरी ने किया