दिल्ली,
दिल्ली मेँ दो दिनोँ चला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों का धरना आन्दोलन और सड़कोँ पे बिखरा अफरा तफरी का माहौल भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन अभी भी कुछ ऐसे सवाल हैँ जिनका जवाब मिलना बेहद ज़रुरी है। उन सभी मेँ सबसे अहम सवाल है कि दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती का क्या होगा? मुख्यमंत्री की अगुवाई मेँ चले धरने प्रदर्शन का नतीजा पूरी दिल्ली देख ही चुकी है और सारा देश जान चुका है कि केजरीवाल अपने मंत्रियो के साथ हर क़दम पर खड़े हैँ।
लेकिन दिल्ली के खिड़की एक्सटेशन मेँ घटी घटना में जिन युगांडाई महिलाओं के ख़िलाफ सोमनाथ भारती ने अपने साथ आये लोगो के साथ मिलकर जो अभद्र बर्ताव किया है उसके लिये उनके खिलाफ युगांडाई महिलाओँ ने अदालत में भी शिकायत की है और महिला आयोग में भी।
महिला आयोग के मुताबिक, सोमनाथ भारती के खिलाफ जो आरोप हैं, अगर वे साबित हुए तो उन्हें तीन साल तक की सज़ा हो सकती है। और इसी के साथ सोमनाथ भारती के इस्तीफे की चौतरफ़ा मांग शुरू हो गई है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने सोमनाथ भारती पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को भारती से इस्तीफा लेना चाहिए। ममता शर्मा के मुताबिक, सोमनाथ भारती ने कानून हाथ में लेकर गलत किया है। इसके अलावा करीब 40 शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सोमनाथ भारती को निकालने की बात कही है।
‘आप’ के विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने कहा है कि दिल्ली पुलिस के अफसरों को छुट्टी पर भिजवाने के बाद केजरीवाल को सोमनाथ भारती को भी छुट्टी पर भेजना चाहिए। ‘आप’ के सदस्य कैप्टन गोपीनाथ ने भी भारती को निलंबित किए जाने की मांग की है।
ग़ौर तलब है कि मंगलवार को इन विदेशी महिलाओं ने मजिस्ट्रेट के सामने सोमनाथ भारती की शिनाख्त की थी। पीड़िता ने कहा था कि 15 जनवरी की रात यही आदमी कई लोगों को लेकर आया था, जो लाठी−डंडों से लैस थे। उसे उन्होंने अगले दिन टीवी पर देखा। उन्होंने कहा कि उनको डराया−धमकाया गया। देश छोड़कर चले जाने की धमकी दी गई। उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज तक की गई। उनके काले रंग को लेकर टिप्पणियां की गईं।