{ अहमद अंसारी * } “शबे बरात की रात” इस्लाम में कहा जाता है की ये रात काफी महत्वपूर्ण है इसी रात को दुआएं कुबूल होती है ! आने वाले समय के लिए किस्मत का फैसला होता है ! इस लिए इस रात को जग कर तिलावत ओर नमाज पढ़ कर खुद से दुआए मंगनी चाहिए ! लेकिन पिछले कुछ सालों से मै ये देख रहा हु की ये रात अय्याशियो की रात बनती जा रही है ! रात जागने ओर इबादत के बहाने लोग अपने घरों से निकलते है ! ओर पूरी रात मजारों के चक्कर लगाते है ! ऑटो, बाइक,साईकिल सभी पर सवार होकर सडको पर उतर कर हुल्लड़ बजी करते है ! राहगीरों को परेशान करते है ! इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगते है , फुटपाथ पर सोये हुए थके हरे मजदूरों की नींद खराब करते है ! जयादा तर इसमें कम उम्र के बच्चे ओर युवा होते है ! इनमे भी जो थोडा शरीफ टाइप के होते है वो तो होटलों में बैठ कर चाय की चुस्की लेकर पूरी रात गुज़र देते है ! वो सडको पर उतर कर इस्लाम जिन्दाबाद केनारे तो नहीं लेकिन एक चाय में पूरी राजनीती ख़तम कर दे है ! कोई मायावती को तो मुलायम को , इसी एक रात में प्रधानमंत्री तक बना देता है ! घरों से निकलते है मस्जिद के खातिर लेकिन पूरी रात चाय के होटलों में गुज़र जाती है ! आज की रात मुझे तो मस्जिदों से ज्यादा भीड़ होटल में नज़र आई ! मस्जिद में केवल दस % लोग ही थे बाकि नब्बे % तो बाहर ही थे ! कुछ ने तो जम कर आतिशबाजी की , जी भर कर , हर तरह के बम ओर पटाखे फोड़े ! कुछ तो पूरी तरह से लगा राखी तो , दारू , भांग ओर गांजा के नशे मी नारे तकबीर अल्लाहु अकबर के आवाजे बुलंद हो रही थी ! ऐसा लगता था की बस इस्लाम आज इन्ही के हाथो में ही है ! मजारो पर लाखो रुपये की अगरबत्तिया जल कर राख हो गयी , लाखों रुपये की बम ओर पटाखे जल कर खाक हो गये ! रात आई ओर चली गयी , आज फिर इस्लाम और आगे बढ़ने के बजाये और बदनाम हो गया ! ये हाल तो पुरे दिल्ली का था चाहे पुरानी दिल्ली हो या नई दिल्ली , ओर दिल्ली है देश लगभग सभी इलाको में यही हाल है ! सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के शहरो में इस तरह के रिवाज बढ़ते जा रहे है ! पूर्वांचल के इलाकों में इस तरह की पाखंड को बढ़ावा भी दिया जाता है !
आखिर कब तक चलता रहेगा चलता रहेगा , ये धार्मिक आस्था के नाम पर ये अन्धविश्वास और आवारा गर्दी ! आखिर कब होती रहे गी हमारे पड़ोसिओ की नीदें हराम ! इस तरह की बुराइयों को ख़तम करने के लिए सभी मुस्लिम बुध्जिविओ को आगे आना होगा वरना हालात हर साल ओर भी बुरे होते जायेंगे –
—
अहमद अंसारी
: गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री
: विभिन्न समाचार पत्र -पत्रिकाओं तथा ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल पर सामाजिक ,
राजनितिक ओर धार्मिक मुद्दों पर लेखन एवं पत्रकारिता
Address:
R/O Near Gorakhnath Temple
P/s Gorakhnath
Disst- Gorakhpur , UttarPradesh.
Mobile : 9305615626
————————–
*Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely her own and do not necessarily reflect the views of INVC.
जाहिल लोग तो हर कौम के अन्दर हैं, किसी के हुल्लड़ मचाने से किसी के मज़हब को कोई नुक्सान नहीं होता है.. ज़रुरत है सिर्फ इन लोगो को तालीम देने की. और इन लोगो की खुराफात से अच्छे लोगो का क्या मतलब. एक एक को डंडे से तो पीटा नहीं जा सकता.. और ना ही वो मिटाया जा सकता है जो इस्लाम की पेगाम्बरो ने लिख दिया है.. हम लोग अपने को चर्चित करने के लिए अपने पेगाम्बरो की बातो को नहीं झुट्ठ्ला सकते.. अगर कोई राम नाम पर हुडदंग मचाता है तो उन हुडदंगियो को सुधारने की ज़रूरत है ना की राम जी को ही देश से निकालने की. यही बात सभी धर्मो पर लागू होती है…