मध्यप्रदेश में बिजली सेक्टर के लिए यह बड़े गौरव की बात है कि इस वर्षनवंबर माह में ही बिजली की मांग में नित नए रिकार्ड बन रहे हैं। प्रदेश के बिजली इतिहास में पहली बार बिजली की मांग 11,466 मेगावाट से ऊपर पहुंच गई। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक श्री संजय कुमार शुक्ल ने जानकारी देते हुए बताया कि बिजली की मांग की बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण प्रदेश में रबी सीजन में किसानों को 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण व निर्बाध बिजली की आपूर्ति है। गौरतलब है कि इसके साथ ही प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को रोशनी के लिए 24 घंटे बिजली की सतत् सप्लाई भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 11 नवंबर को प्रात: 9.00 बजे बिजली की सर्वोच्च मांग का ऐतिहासिक रिकार्ड उस समय बना, जब प्रदेश में बिजली की मांग11,466 मेगावाट के शिखर पर पहुंच गई और बिजली की इस मांग की सफलतापूर्वक सप्लाई भी की गई। मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारस चन्द्र जैन, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री इकबाल सिंह बैंस एवं पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक श्री संजय कुमार शुक्ल ने सभी बिजली कंपनियों के समन्वित प्रयास से हुई रिकार्ड बिजली मांग की सप्लाई के लिए अभियंताओं व कार्मिकों को बधाई दी है। श्री संजय कुमार शुक्ल ने बताया कि इसके पूर्व 23 दिसंबर 2016 को प्रदेश में बिजली की सर्वोच्चतम मांग 11,421 मेगावाट दर्ज हुई थी।
कृषि क्षेत्र की बिजली मांग को पूर्ण करने के लिए कटिबद्ध-प्रबंध संचालक संजय कुमार शुक्ल ने बताया कि लगातार पूर्व के दो वर्षों में बिजली की मांग दिसंबर माह में निरंतर बढ़ती रही है, किंतु इस वर्ष प्रदेश में कम वर्षा होने के कारण करीब डेढ़ माह पूर्व ही बिजली की मांग और सप्लाई में निरंतर बढ़ोत्तरी दर्ज हो रही है। प्रदेश में पिछले 6 दिनों से बिजली की मांग 11,000 मेगावाट से ऊपर दर्ज हुई है। प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्र में कृषि कार्य हेतु निरंतर बढ़ रही बिजली की मांग को सजगता से पूर्ण करने के लिएकंपनियां कटिबद्ध हैं।
प्रदेश में बिजली सप्लाई कैसे हुई-प्रदेश में 11 नवंबर को जब बिजली की मांग 11,466 मेगावाट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों से 1,950 मेगावाट व जल विद्युत गृहों से 345 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 296 मेगावाट, एनटीपीसी व डीवीसी (सेंट्रल सेक्टर) का अंश 2,895 मेगावाट, सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट का अंश 1,333 मेगावाट, आईपीपी का अंश 1,310 मेगावाट रहा और बिजली बैंकिंग से प्रदेश को 2,117 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई। अन्य स्त्रोत जिनमें नवकरणीय स्त्रोत भी शामिल हैं, से प्रदेश को 1,218 मेगावाट बिजली मिली।
प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र में बिजली की मांग 4878 मेगावाट से ऊपर-मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, रीवा व सागर) में बिजली की मांग 2,871 मेगावाट, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर) में 3,716 मेगावाट और मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन) में 4,878 मेगावाट दर्ज की गई है।