हिन्दी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की अन्य देशों में भी तेजी से प्रतिष्ठित हो रही है। इसके प्रचार-प्रसार में फिल्मों और साहित्य के साथ-साथ न्यू मीडिया के रूप में ब्लागिंग ने भी महत्वपूर्ण स्थान निभाया है। ऐसे में ब्लॉगिंग से जुड़े लोगों को एक मंच देने के उद्देश्य से लखनऊ से प्रकाशित ’परिकल्पना समय’ पत्रिका एवं ’परिकल्पना’ साहित्यिक संस्था द्वारा प्रतिवर्ष अन्तर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। सम्मेलन का मूल उद्देश्य दक्षिण एशिया में ब्लॉग के विकास हेतु पृष्ठभूमि तैयार करना,हिंदी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना, भाषायी सौहार्द्रता एवं सांस्कृतिक अध्ययन-पर्यटन का अवसर उपलब्ध कराना आदि है। दिल्ली, लखनऊ, काठमांडू में आयोजन के बाद इस बार 15-18 जनवरी 2015 के दौरान भूटान मंे चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा।
यहाँ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग सम्मलेन आयोजित करने के पीछे उद्देश्य है हिंदी संस्कृति को भूटानी संस्कृति के करीब लाना और हिंदी भाषा को यहाँ के वैश्विक वातावरण में प्रतिष्ठापित करना। अभी कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपनी भूटान यात्रा के दौरान भारत-भूटान के मध्य ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों की चर्चा करते हुए परस्पर सद्भाव व सहयोग की बात कही थी। भूटान में आयोजित यह सम्मेलन भी उसी कड़ी को आगे बढ़ाने का प्रयास करेगा। उक्त बातें ’परिकल्पना समय’ के प्रधान संपादक तथा ’अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन’ के संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने कही।
श्री प्रभात ने बताया कि इस अवसर पर हिन्दी ब्लॉग एवं साहित्य को समृद्ध करने वाले विभिन्न देशों-भारत, नेपाल, भूटान, आस्ट्रेलिया इत्यादि के लोगों को सम्मानित भी किया जायेगा। इसमें ’’परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान’’ इलाहाबाद (उ.प्र.) के निदेशक डाक सेवाएं एवं चर्चित ब्लॉगर श्री कृष्ण कुमार यादव को ब्लॉग पर संस्मरणात्मक सृजन के लिए, रायपुर (छ.ग.) से श्री ललित शर्मा को पुरातत्व विषयक लेखन के लिए, तेलंगाना, हैदराबाद से श्रीमती सम्पत देवी मुरारका को यात्रा वृतांत के लिए एवं नेपाल के चर्चित साहित्यकार श्री कुमुद अधिकारी को साहित्यिक ब्लॉग पत्रकारिता के लिए प्रदान किया जायेगा। इस सम्मान में 25,000 रूपये की धनराशि, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह, श्रीफल और अंगवस्त्र दिया जायेगा।
इसी क्रम में सम्मेेलन में ’’परिकल्पना सार्क सम्मान’’ के लिए भूटान के श्री लिंगचेन दोरजी को उनकी चर्चित अंग्रेजी उपन्यासिक कृति ’होम संगरिला’ के लिए, आस्टेªलिया से सुश्री रेखा राजवंशी को पश्चिमी देशों में हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए, औरंगाबाद, महाराष्ट्र से सुश्री सुनीता प्रेम यादव को अन्य भाषाओं से हिन्दी में अनुवाद कर्म को बढ़ावा देने हेतु चयनित किया गया है। इस सम्मान के अन्तर्गत 5,000 रूपये की धनराशि, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह, श्रीफल और अंगवस्त्र दिया जायेगा।
इस समारोह में दक्षिण एशिया के लगभग 50 ब्लॉगर्स को ’परिकल्पना सम्मान’ प्रदान किया जायेगा। इनमें असम के गुवाहाटी से श्री नीलेश माथुर, सिल्चर से श्रीमती शुभदा पाण्डेय, उ.प्र. के बाराबंकी से श्री रणधीर सिंह सुमन और डॉ विनय दास, लखनऊ से श्री राम बहादुर मिश्रा, राजस्थान के श्रीगंगानगर से श्री सुरजीत सिंह बरवाल, जयपुर से सुश्री सरस्वती माथुर, छत्तीसगढ़ के रायपुर से श्री गगन शर्मा, नवी मुंबई से श्रीमती तारा सिंह और मुंबई से श्री आलोक भारद्वाज इत्यादि का नाम प्रमुख है।
श्री प्रभात ने कहा कि सम्मेलन के दौरान वैश्विक परिप्रेक्ष्य विशेषकर सार्क देशों में हिन्दी के पठन-पाठ्न, हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार, न्यू मीडिया के रूप में ब्लॉगिंग के विभिन्न आयामों एवं बदलते दौर में सोशल मीडिया की भूमिका इत्यादि विषयों पर भी चर्चा होगी।
रवीन्द्र प्रभात जी ,कार्यक्रम की सफलता के लिए अनेकानेक शुभकामनाएँ
रवीन्द्र प्रभात जी …बधाई और शुभकामनाएं !
Hello. remarkable job. I did not anticipate this. This is a great . Thanks!
रवीन्द्र प्रभात जी …बधाई और शुभकामनाएं !
प्रोग्राम की सफलता के लियें शुभकामनाएं !