भोपाल,,
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने गांधी जी के विचारों को सर्वकालिक प्रासंगिक बताते हुये कहा कि बापू के विचारों में पढ़ने, सुनने की अपेक्षा सीधे आचरण में उतारने की जरूरत है। वे आज यहाँ सेन्ट्रल लायब्रेरी में ‘हिन्द स्वराज्य’ – वाचन एवं विवेचन’ कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने महात्मा गांधी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि दी।
‘‘हिन्द स्वराज्य’’ में वर्णित भारतीय सभ्यता की विलक्षणता की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि भारत की सभ्यता जीवंत सभ्यता है जबकि विश्व की अन्य सभ्यताएं ध्वस्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि जनमानस में जीवन मूल्यों की गहरी समझ के कारण भारत की अर्थव्यवस्था कभी भी नही पिछड़ेगी। दूसरी तरफ आज अमेरिका की अर्थव्यवस्था खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि विकास सिर्फ भौतिक प्रगति से संभव नहीं है। आध्यात्मिक प्रगति भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में विकास के बावजूद लोगों में आनन्द का अभाव होता है जबकि भारत में सभी वर्ग के लोग सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं से बंधकर त्यौहार मनाते हैं। खुशियाँ बांटते हैं।
श्री चौहान ने ‘हिन्द स्वराज्य’ के संदर्भ में कहा कि महान विचारों को आचरण में लाकर ही अपने और समाज के लिये अर्थपूर्ण जीवन जी सकते हैं। साधारण से असाधारण बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिये अपने नागरिक कर्त्तव्यों का पालन करना जरूरी है। इस अवसर पर उन्होंने ‘गीता’ का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को ‘गीता’ अवश्य पढ़ना चाहिए। यह आचरण की अशुद्धियों को दूर करती है। ‘गीता’ को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। अन्य धर्मों के प्रमुख सिद्धांतों और मूल्यों को भी पढ़ाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने ‘हिन्द स्वराज्य’ के हिन्दी अनुवाद का विमोचन किया। इसका अनुवाद विद्वान श्री जितेन्द्र बजाज ने किया है। इसे स्कूलों में वितरित किया जायेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री जितेन्द्र बजाज ने ‘हिन्द स्वराज्य’ के प्रमुख अंशों की चर्चा की। मुख्यमंत्री को स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किये गये। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी, विद्वान श्री अयंगर और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।