भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को सुखद और आरामदेह यात्रा मुहैया कराने के लिए लगातार कुछ न कुछ प्रयास करती रहती है। इस दिशा में निम्नलिखित पहल की गई है।
ई-टिकटिंग का प्रसार
नियमों में उदारीकरण और टिकट बुकिंग के लिए सुविधा तथा बढ़े हुये घंटों के कारण इलेक्ट्रोनिक तरीकों से टिकट बुक करने के प्रतिशत में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान में यात्री आरक्षण व्यवस्था में 45 प्रतिशत ई-टिकटिंग से बुकिंग होती है। एक औसत के अनुसार रोजाना इंटरनेट के माध्यम से 3 लाख 65 हजार टिकट बुक होती हैं।
मोबाइल फोन द्वारा टिकटिंग
आईआरसीटीसी की वेबसाइट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करके मोबाइल फोन द्वारा भी ई-टिकट बुक किये जा सकते हैं। फरवरी 2012 से यात्रियों द्वारा बुक किये गये ई-टिकटों के आरक्षण का प्रिंटआउट लेना भी जरूरी नहीं रहा है। इसकी बजाय लैपटॉप/पामटॉप/मोबाइल फोन पर आईआरसीटीसी द्वारा भेजे गये अधिकृत एसएमएस में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदर्शित हो जाती है। यात्रियों को अपने साथ मूलरूप में अपना फोटो पहचान पत्र लाना भी आवश्यक होता है। ये सब यात्रियों और पर्यावरण के अनुकूल उपाय है।
एसएमएस के माध्यम से टिकटिंग
मोबाइल फोन तक लोगों की पहुंच और उसके बढ़ते प्रयोग के कारण आईआरसीटीसी द्वारा 01 जुलाई, 2013 से बिना इंटरनेट वाले मोबाइल फोनों के लिए एसएमएस द्वारा टिकटिंग की एक पायलट परियोजना लागू की गई है।
तत्काल सुविधा
तत्काल टिकटों की सुविधा में विस्तार करते हुए 10 जुलाई, 2012 से तत्काल टिकटों के आरक्षण का समय यात्रा के पहले दिन आठ बजे से बढ़ाकर दस बजे कर दी गई है। इसके अलावा आईआरसीटीसी/आरटीएसए/आरटीए के एजेंटों समेत कोई भी अधिकृत एजेंट 10 से 12 बजे के बीच तत्काल टिकट बुक नहीं कर पाएगा।
बुकिंग के तरीकों की विविधता
अन्य संस्थानों (डाकघरों) के साथ अनुबंध द्वारा प्रसार :
डाकघरों में आरक्षण के लिए पीआरएस टर्मिनल्स लगाये जा रहे है, जिसके लिए डाक विभाग के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो चुके है। वर्तमान में 249 डाकघरों में यह सुविधा उपलब्ध है।
स्वचालन द्वारा दबाव को कम करना :
अनारक्षित टिकटों की बिक्री और यूटीएस काउंटरों पर दबाव कम करने के लिए स्वचालित टिकट विक्रय मशीन यानी एवीटीएम स्थापित की गर्इ है। यात्रियों को एटीवीएम पर स्मार्ट कार्ड प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है। फिलहाल 811 एटीवीएम काम कर रही है। इसके अलावा भारतीय टिकटिंग सुविधा के प्रयासों को विश्व की बेहतरीन व्यवस्थाओं के अनुकूल बनाने के लिए मुम्बई में सिक्का/करेंसी चालित एटीवीएम की एक पायलट परियोजना लागू की गई है।
अनारक्षित टिकटों की बिक्री के लिए अन्य व्यवस्था :
अनारक्षित टिकटों को जारी करने को सुविधाजनक बनाने के लिए शहरी इलाकों में जनसाधारण टिकट बुकिंग सेवक यानी जेटीबीएस नियुक्त किये गये है। उन्हें यूटीएस टर्मिनल मुहैया कराये गये है और वे यात्रियों से कमीशन वसूल सकते है। फिलहाल 993 जेटीबीएस काम कर रहे है।
अग्रिम आरक्षण की अवधि में कमी :
01 मई, 2013 से अग्रिम आरक्षण की अवधि 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दी गई है।
टिकटों के दुरूपयोग को रोकने के लिए सभी आरक्षित वर्गो के लिए सबूत अनिवार्य
एक के बदले दूसरे के टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों पर नजर रखने के लिए पहले से ही ई-टिकट, तत्काल टिकट और थ्रीई के अलावा एसी क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों के मामले में पहचान का सबूत पेश करना आवश्यक था। अब 01 दिसम्बर, 2012 से इसका दायरा बढ़ाते हुए किसी भी क्लास में यात्रा कर रहे यात्री के लिए 10 प्रस्तावित पहचान के सबूतों में से यात्रा के दौरान एक सबूत मूलरूप से प्रस्तुत करना आवश्यक बना दिया गया है। ऐसा न कर पाने वाले यात्रियों को बिना टिकट माना जाएगा और उनके अतिरिक्त चार्ज वसूला जाएगा। हालांकि जैसाकि तत्काल टिकट के लिए इंगित है, एक ही सबूत को पहचान के रूप में मूलरूप से प्रस्तुत करने की शर्तो में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
यात्रियों के अनुकूल नई सुविधाएं
आधुनिक सामान ट्रॉली की सुविधा :
वरिष्ठ नागरिकों और महिला यात्रियों के लिए एक पायलट परियोजना के रूप में आधुनिक सामान ट्रॉली की सुविधा लागू की गई है। इससे पहले इन्हें रेलयात्री सेवक संचालित करते थे। इस सिलसिले में 03 मई, 2013 को जोनल रेलवे को निर्देश जारी कर हावड़ा और सियालदाह के अलावा अन्य सभी स्टेशनों पर लाइसेंसशुदा कुलियों को आधुनिक सामान ट्रॉली देने को कहा गया है। वहां मई, 2014 तक इन ट्रॉलियों को रेलयात्री सेवक ही संचालित करेंगे।
सफाई में सुधार :
रेलवे ने सफाई के स्तर में सुधार के लिए कई स्तरों पर तकनीक में सुधार, बेहतर मशीनरी वाले उपकरणों के अलावा लोगों को शिक्षित करने का भी बीड़ा उठाया है।
बैटरी संचालित वाहन :
रेलवे स्टेशनों पर वृद्धों, बीमार और अशक्त यात्रियों के लिए बैटरी संचालित वाहनों की भी सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इस सुविधा को कमर्शियल पब्लिसिटी मार्गो पर संचालित किया जाता है, जिसके लिए न तो यात्रियों से और न ही रेलवे से कोई भुगतान लिया जाता है। शुरूआत में इस योजना को एक वर्ष के लिए संचालित किया गया था, जिसे अब बढ़ाकर 26 अगस्त, 2016 तक कर दिया गया है। यह सुविधा 25 स्टेशनों पर उपलब्ध है।
आदर्श स्टेशन :
भारतीय रेलवे में आदर्श स्टेशन की योजना पहले से ही लागू है। आदर्श स्टेशनों पर पीने का पानी, समुचित शौचालय, भोजन की सेवायें, वेटिंग रूम, खासकर महिलाओं के लिए आराम स्थल, बेहतर सूचना पट्ट जैसी मूलभूत सुविधाए उपलब्ध कराई जाती हैं। इस योजना के तहत अब तक कुल 1,052 स्टेशनों को विकसित करने के लिए चुना गया है।
____________________________________________________________
*लेखक पत्र सूचना कार्यालय में अपर महानिदेशक के पद पर कार्यरत है।