आदेश त्यागी ,
आई एन वी सी ,
हरियाणा, सोनीपत,
वीरवार को शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के जन्म दिन के अवसर पर गन्नौर शहर के गढ़ी केसरी राजकीय माध्यमिक स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत छठी से आठवीं तक के विद्याथर््िायों बीच चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजित की गई इस प्रतियोगिता में पहला, दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्राओं को सम्मानित किया गया। स्कूल की मुख्याध्यापिका राजबाला द्वारा छात्र व छात्राओं को संम्बोधित किया गया।
गढ़ी केसरी स्थित रा.मा. स्कूल में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के जन्मदिन के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें स्कूल के विद्यार्थियों को स्कूल की मुख्य अध्यापिका राजबाला गर्ग ने संम्बोधित करते हुए शहीद भगत सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला। अपने संम्बोधन में राजबाला ने कहा कि शहीद भगत सिंह का जन्म 27 सितम्बर 1907 को अविभाजित भारत के पंजाब सूबे में लायलपुर के गांव खटकडक़लां में हुआ था। परिवार से मिले संस्कारों ने भगत सिेह को देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा दी और वे देश की आज़ादी के लिए चलाई जा रही जंग में कूद पड़े तथा देश की आज़ादी के लिए मात्र 23 वर्ष की आयु में ही हंसते-हंसते उस वीर ने अपना बलिदान दे दिया। कपील देव नें अपने संम्बोधन में कहा कि भगत सिंह की 23 वर्ष की उम्र में देश के लिए बलिदान देने पर ही उनको शहीद-ए-आज़म का दर्जा दिया गया। इस अवसर पर कपिल ने बहनों गाओ री मंगलाचार ,यो भगत सिंह मेरा फांसी चढै नामक गीत सुना कर सभी को भावुक कर दिया।