राजेश उपाध्याय ,,
आई.एन.वी.सी,,
गुजरात ,,
उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने कहा है कि संगठित क्षेत्र के विस्तार, विपणन प्रणाली के आधुनिकीकरण, साख प्रणाली तक सबकी औपचारिक पहुंच में सुधार, परिवहन, पशु चिकित्सा और डेयरी उद्योग आदि के बुनियादी ढांचे में सुधार का काम करने में ग्रामीण प्रबंधकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। गुजरात के आनंद स्थित ग्रामीण विकास संस्थान के 30वें दीक्षांत समारोह में आज अपने दीक्षांत भाषण में उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई मांग के सापेक्ष पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण प्रबंधकों को सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि यह अंतर आयात के बजाय घरेलू आपूर्ति के माध्यम से भरा जा सके और इससे सभी ग्रामीण नागरिकों को समावेशी विकास का लाभ मिल सके। इसके अलावा पशुओं की कम उत्पादकता, आहार और चारे आदि की व्यवस्था, प्रजनन कार्यक्रम और अन्य शोध के विषयों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
श्री अंसारी ने कहा कि ग्रामीण प्रबंधक जहां एक ओर महत्वपूर्ण प्रोफेशनल हैं वहीं, उन्हें सिविल सेवा और ग्राम पंचायत अधिकारियों के साथ भी मिलकर काम करना है। उन्हें ग्रामीण भारत के लिए हमारे विकास लक्ष्यों को पाने के लिए सहकारी साझेदारी के माध्यम से तेजी से काम करने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि सिविल सेवा की ही तरह हमारे ग्रामीण प्रबंधक भी समावेशी विकास, सामाजिक न्याय, समानता और सभी नागरिकों की क्षमताओं के पूर्ण विकास के अवसर प्राप्त करने के हमारे सांविधानिक आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे।