कोरोना से जारी जंग के बीच राजस्थान में कोटा के बच्चों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान आया है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कोटा के बच्चों को भेजने के लिए हमने देश के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा सब तैयार हैं.सीएम गहलोत के मुताबिक, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार का कहना है कि हमारे बहुत सारे मजदूर फंसे हुए हैं. हमारी कुछ मजबूरियां हैं, लेकिन ये 14-15 साल के मासूम बच्चे हैं. इनके लिए भारत सरकार ने पहले ही इजाजत दी थी, अब सोचना चाहिए.इससे पहले सोमवार को राजस्थान के सीएम ने कहा था कि कोटा में फंसे अपने राज्य के छात्रों को ले जाने के लिए पांच और राज्य सहमत हो गए हैं. इसमें मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम शामिल थे, लेकिन अब पश्चिम बंगाल सरकार पीछे हट गई है.वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि उनके प्रदेश के बच्चे भी घर जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें वापस लाने के लिए हमें केंद्र सरकार से आदेश नहीं मिल रहा है. मुख्यमंत्री सोरेन ने सवाल किया था कि एक ही देश में दो तरह के नियम कैसे लागू हो सकते हैं.झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस विषय पर बात की और उन्हें यह बताया था कि यूपी सरकार की ओर से अपने प्रदेश के छात्रों को बुलाने के बाद झारखंड के छात्र निराश हुए हैं. कोटा में रहकर छात्र मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करते हैं.
MP सरकार ने 150 बसों को भेजा
उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश ने भी राजस्थान के कोटा से अपने बच्चों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. लॉकडाउन की वजह से मध्य प्रदेश के करीब 2000 बच्चे कोटा में फंसे हैं. इन्हें लाने के लिए एमपी सरकार की ओर से 150 बसों का काफिला कोटा भेजा गया है.बता दें कि देश में कोरोना महामारी से मौत का आंकड़ा 600 के पार हो गया है. वहीं कुल मरीजों की संख्या 19 हजार के करीब है. कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में बरपाया है. यहां पर 5 हजार से ज्यादा केस हो गए हैं और 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. PLC.