अमर वर्मा
नई दिल्ली. पिछले अनेक वर्षों से खादी पर छूट दी जा रही है, ताकि खादी के दामों को अन्य वस्त्रों के मुकाबले प्रतिस्प्र्धादात्मक बनाया जा सके। वैसे सामान्य छूट तो पूरे साल दी जाती है, परंतु उपभोक्ताओं को 108 दिनों के लिए अतिरिक्त छूट दी जाती है। बिक्री समय उपभोक्ता को दी जाने वाली छूट का पैसा इन संस्थाओं को बज़टीय संसाधनों के ज़रिए खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग (केवीआईसी) को उपलब्ध कराए गए कोष से दे दिया जाता है।
केवीआईसी द्वारा विपणन विकास सहायता (एमडीए) आरंभ करने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है जिस पर विचार किया जा रहा है। जब तक एमडीए को मंजूरी मिले और उसे आरंभ किया जाए तब तक बुनकरों तथा जुलाहों तथा खादी संस्थाओं के हितों को ध्यान में रखकर सरकार ने वर्ष 2009-10 के दौरान भी छूट योजना को जारी रखने की घोषणा की है विशेषकर 4 अगस्त, 2009 को। इस बात का श्रेय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनशा पटेल को जाता है। 10 प्रतिशत की सामान्य छूट 31 मार्च, 2010 दी जाएगी और इसके अतिरिक्त 108 दिनों के लिए अतिरिक्त 10 प्रतिशत की छूट पर केवीआईसी के द्वारा राज्यों की स्थानीय जरूरत के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
सभी खादी संस्थाओं तथा खादी के साथ जुड़े लोगों ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनशा पटेल के अथक प्रयासों के लिए उनका आभार जताया है।