आई एन वी सी ,
लखनऊ ,
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बेंच में औद्योगिक वित्तीय संस्थान पिकप में कथित तौर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में पीआईएल दायर किया है. याचिका के अनुसार 1972 में स्थापित पिकप कई मायनों में अपने उद्देश्यों में विफल रही है जैसा विभिन्न कैग रिपोर्टों से स्पष्ट होता है, जिसका एक प्रमुख कारण यहाँ व्याप्त भ्रष्टाचार है. पिकप के व्हिसलब्लोवर्स द्वारा उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर डॉ ठाकुर ने वहाँ कार्यरत डीजीएम देवेन्द्र सिंह, उनके बहनोई और सीनियर मैनेजर एन के सिंह, मानव संसाधन विभाग की प्रमुख ऋचा भार्गव एवं अन्य कुछ कर्मियों के खिलाफ कई गंभीर शिकायतों के बारे में समयबद्ध तरीके से जांच कराने की मांग की है. डॉ ठाकुर के अनुसार देवेन्द्र सिंह पर वर्ष 2004 से ईओडब्ल्यू में सहस एग्रो लिमिटेड में की गयी गडबडियों के सम्बन्ध में जांच लंबित है. इस प्रकार होटल श्वेता लिमिटेड के मालिक दिल्ली के हरीश गुप्ता द्वारा भी अपनी प्रताडना के सम्बन्ध में लोकायुक्त को दी गयी जांच लंबित है और आर पी एग्रो, नयी दिल्ली के मालिक आर के धींगरा द्वारा भी एक आपराधिक मुक़दमा नोयडा में पंजीकृत है. देवेन्द्र सिंह के खिलाफ प्रेस्टिज पोलीकंटेनर, नोयडा के मामले में नियमों को शिथिल कर फर्म को गलत लाभ देने का भी आरोप है. काशीपुर एडिबल आयल, काशीपुर, सेकुर इंडस्ट्री, गाजियाबाद, अंकित पोलिमर, गाजियाबाद जैसे अन्य मामलों में भी गडबडी की शिकायतें है. याचिका के अनुसार देवेन्द्र सिंह ने नियमों के विपरीत अपने बहनोई के खिलाफ चल रही गंभीर जांच खुद की और उन्हें बरी कर दिया. इसी तरह मानव संसाधन विभाग में अन्य शिकायतें ऋचा भार्गव के खिलाफ भी हैं. डॉ ठाकुर ने इस सभी आरोपों की निश्चित समय सीमा में जांच कराये जाने और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही किये जाने की मांग की है
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