आईएनवीसी ब्यूरो
नई दिल्ली. ओमान में भारत के राजदूत अनिल वाधवा और भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ पर्यवेक्षक, एयर वाइस मार्शल रमेश राय ने मंगलवार को ओमान के थुरमेट एयरबेस में ओमान की रॉयल वायु सेना (आरएएफओ) से मुलाकात की । इससे पहले आरएएफओ के कमांडर एयर वाइस मार्शल याहया बिन रशीद अल-जुमा ओमान में भारतीय वायु सेना के दल से मिले और उनसे बातचीत की।
इन उच्च स्तरीय मुलाकातों ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के प्रति वचनबध्दता को और भी मजबूत किया और साथ ही वर्तमान 22 से 29 अक्टूबर तक चल रहे दोनों देशों की वायुसेनाओं के संयुक्त अभ्यास ईस्टर्न ब्रिज से भी आपसी सुरक्षा सहयोग प्रगाढ होगा।
भारतीय वायुसेना और आरएएफओ के बीच हवाई अभ्यास एक्स ईस्टर्न ब्रिज सबसे पहला हवाई अभ्यास था । किन्तु भारत और ओमान की ऐसी मान्यता है कि निश्चित तौर पर इन दोनों देशों के बीच व्यापार ऐतिहासिक तौर पर समुद्री मार्ग से शुरू हुआ था जिसके साथ ही सैनिक पृष्ठभूमि जुड़ी हुई है ।
भारत की स्वतंत्रता से पहले ओमान की सल्तनत को सैनिक और आर्थिक सहायता भारत से अंग्रेजी शासन द्वारा दी जाती थी । ओमान को हथियार, गोला-बारूद के साथ-साथ उसकी सेना की सभी आवश्यकताएं भारतीय आर्डिनेन्स फैक्टरियों द्वारा नि:शुल्क पूरी की जाती थीं ।
फिलहाल रक्षा सहयोग के लिए एक दोहरी व्यवस्था की गयी है जिसके अधीन ओमान के साथ संयुक्त सैन्य सहयोग समिति काम कर रही है और दोनों देशों की वायुसेना के कर्मचारियों के बीच वार्ताएं चल रही हैं ।