रायपुर,
कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि भारत रत्न और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने देश की आन, बान और शान के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। वे रक्षा वैज्ञानिक के साथ-साथ सरल व्यक्तित्व के धनी सच्चे देशभक्त नागरिक थे। डॉ. कलाम देश की आजादी के बाद हिन्दुस्तान में बच्चों के सबसे प्रिय व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठित हुए। श्री अग्रवाल आज यहां पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में ’लीड इंडिया’ द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम के 85 वे जन्मदिन पर ’’मेरे सपनों का भारत’’ विषय पर आयोजित व्याख्यान को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे।
कृषि मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि डॉ. कलाम एक कर्मयोगी थे जिन्होंने कठिन परिश्रम को अपनी सफलता का मुख्य आधार बनाया। डॉ. कलाम को कुरान के बारे में जितना ज्ञान था उतना ही ज्ञान गीता के बारे में भी था। वे हमारे बीच से एक आदर्श और प्रेरणा दायक व्यक्तित्व के रूप में अपनी पहचान बनाकर विदा हुए। श्री अग्रवाल ने डॉ. कलाम के अनेक प्रेरक विचारों और आदर्शो का उदाहरण देते हुए कहा कि ज्ञान ही सफलता का आधार है इसलिए ज्ञान प्राप्त करने पूरी निष्ठा के साथ परिश्रम करिए, सफलता अपने आप मिल जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी के बच्चों के मन में बसने वाले सबसे प्रिय व्यक्ति थे। उन्होंने बच्चों में बड़ी सोच के साथ बड़े सपने देखने और मंजिल पाने का जज्बा भरने का काम किया।
श्री अग्रवाल ने कहा कि डॉ. कलाम का छत्तीसगढ़ से बहुत पुराना लगाव था। तत्कालीन मध्यप्रदेश के समय में उन्होंने डी.आर.डी.ओ. में कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में काफी समय बिताया। डॉ. कलाम राज्य़ बनने के बाद अनेक बार छत्तीसगढ़ आए और उनका मार्ग दर्शन और स्नेह यहां की जनता को मिला। छत्तीसगढ़ के विकास में डॉ. कलाम की सोच और विचार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने अपने समय में देश को विकास के मामले में एक नई दिशा दी। नई पीढ़ी के बच्चे डॉ. कलाम के जीवन आदर्शो पर चलेंगे तो यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धाजंलि होगी। प्रमुख लोकायुक्त छत्तीसगढ़ लोक आयोग न्यायमूर्ति श्री शम्भूनाथ श्रीवास्तव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. कलाम के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। राज्य सभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा सहित अन्य वक्ताओं ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। न्यायमूर्ति श्री श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों और अन्य लोगों को डॉ. कलाम के आदर्शो पर चलने की शपथ दिलाई। इस अवसर पर व्याख्यान आयोजक संस्थाओं के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।