आतंक के विरोध का प्रतीक बना विश्व के सबसे ऊंचे रावण का पुतला

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–  निर्मल रानी –

Ravan,ravana,ravan-invc-newगत् माह जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में भारतीय सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले का प्रभाव भारतीय समाज के सभी वर्गों तथा सभी क्षेत्रों में पड़ता साफ नज़र आ रहा है। पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित,पोषित व प्रायोजित किए जा रहे आतंकवाद के जवाब में उड़ी पर हुए हमले का बदला लेते हुए भारतीय सेना के जांबाज़ कमांडो की एक टीम ने हालंाकि अपने जवानों की शहादत का बदला तो ज़रूर ले लिया परंतु पाकिस्तान द्वारा पाले-पोसे जा रहे आतंकवादियों की घोर निंदा व भत्र्सना भारत सहित पूरी दुनिया में की जा रही है। ज़ाहिर है भारत का धर्म क्षेत्र भी पाकिस्तान के विरुद्ध अपने गम और गुस्से का इज़हार करने में पीछे नहीं है। भारत का प्रत्येक नागरिक जहां उड़ी में शहीद भारतीय जवानों की शहादत की खबर से भारी गुस्से में है तथा देश में चारों ओर आतंकवाद,आतंकवाद को संरक्षण देने वाले व उकसाने वाले पाक शासकों यहां तक कि पाकिस्तान का झंडा जगह-जगह जलाया गया है वहीं देश की प्रमुख मस्जिदों में भी भारतीय मुसलमानों ने आतंकी हमले में शहीद भारतीय सैनिकों के प्रति अपनी गहरी श्रंद्धाजलि अर्पित की व पाकिस्तान व आतंकवाद की घारे निंदा की।

भारतीय नागरिकों का यही जोश उस दिन भी पूरे देश में देखने को मिला जब भारतवासियों ने भारतीय सेना के प्रशिक्षित कमांडो द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर घुसकर पाकिस्तान में पनाह पा रहे आतंकवादियों के कई शिविरों को नष्ट किए जाने व इनमें छुपे दर्जनों आतंकियों के मारे जाने का समाचार सुना। पूरे देश में जगह-जगह जश्र मनाया गया। आतिशबाजि़यां छोड़ी गई,मिठाईयां बांटी गई, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज लहराए गए और भारतीय सेना द्वार पाकिस्तानी आतंकवादियों से बदला लेने हेतु उनके प्रति पूरा समर्थन जताया गया। इस अवसर पर भी देश की अनेक मस्जिदों व मुस्लिम बस्तियों में भी पटाखे छोडऩे,मिठाईयां बांटने व जश्र मनाने के समाचार प्राप्त हुए। इस अवसर पर केवल भारतीय समाज ही सामूहिक रूप से एकजुट होता नहीं दिखाई दिया बल्कि भारतीय राजनीति में एक-दूसरे की टांग खींचने वाले यहां तक कि आतंकवाद के विषय में भी एक-दूसरे पर तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाने वाले सभी राजनैतिक दल भारतीय सैनिकों के साथ एकजुट खड़े दिखाई दिए। यहां तक कि वामपंथी व दक्षिणपंथी विपरीत विचारधारा रखने वाले राजनैतिक ध्रुवों के नेता भी आतंकवाद के विरुद्ध व भारतीय सेना की कार्रवाई के पक्ष में एकजुट दिखाई दिए।

यह भी इत्तेफाक है कि भारतवर्ष जिस समय भारत-पाक सीमा पर आतंकी हमलों तथा घुसपैठ व सैन्य तनाव का सामना कर रहा है इन्हीं दिनों देश में कई त्यौहार भी मनाए जा रहे हैं। हिंदू समाज के लोग अपने पूर्वजों के नाम पर 15 दिन का श्राद्ध मना चुके हैं और इसके फौरन बाद नवरात्रे व दुर्गा पूजा शुरु हुई। इसके बाद शीघ्र ही दशहरा अर्थात् विजयदशमी का त्यौहार है। साथ ही साथ इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम भी शुरु हुआ। भारतीय मुसलमान मोहर्रम के दिनों में हज़रत इमाम हुसैन की शहादत का शोक मनाते हैं। तथा वे भी मोहर्रम के पहले दस दिनों तक अपने-अपने रीति-रिवाज के अनुसार हज़रत हुसैन की याद में तरह-तरह के शोकपूर्ण आयोजन करते हैं। इस वर्ष भारतीय मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला मोहर्रम भी आतंकवाद की छाया से मुक्त नहीं है। देश में जहां-जहां मोहर्रम के अवसर पर तकऱीरें की जा रही हैं, मजलिस-मातम हो रहे हैं लगभग हर जगह आतंकवाद की घोर भत्र्सना की जा रही है। इसे गैर इस्लामी व गैर इंसानी बताया जा रहा है। मुस्लिम विद्वानों का यह मानना है कि इस्लाम धर्म में आतंकवाद या आतंकवादी विचारधारा का बीज करबला में हज़रत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों को शहीद करने के साथ ही बोया गया था। और इस्लाम के इतिहास की इस सबसे बर्बरतपूर्ण घटना का नायक कोई गैर मुस्लिम नहीं बल्कि स्वयं को मुसलमान कहने वाला व इस्लाम का कलमा पढऩे वाला सीरिया का तत्कालीन शासक यज़ीद ही था।

जिस प्रकार मोहर्रम के दिनों में आतंकवाद व आतंकवादी घटनाओं की मुस्लिम उलेमाओं ने जमकर भत्र्सना की  है ठीक उसी तरह पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार दशहरा भी आतंकवादी घटनाओं के प्रभाव से अछूता नहीं रहा। भारत में हालांकि पहले भी हमेशा से ही रावण के पुतले को अहंकार व सामाजिक बुराईयों के प्रतीकस्वरूप जलाया जाता है। परंतु इस वर्ष के रावण के पुतले की विशेषता यह है कि देश के अधिकांश रावण के पुतले आतंकवाद को समर्पित हैं। अर्थात् जिस रावण के पुतले को प्रत्येक वर्ष अहंकार एवं सामाजिक बुराईयों का प्रतीक समझा जाता था वही रावण का पुतला इस वर्ष पूरे देश में आतंकवाद के प्रतीक के रूप में जलाए जाने का समाचार है। हरियाणा राज्य के अंबाला जि़ले के अंतर्गत् बराड़ा कस्बे में प्रत्येक वर्ष विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का निर्माण किया जात है और इस विशालकाय पुतले की ऊंचाई को विभिन्न सामाजिक बुराईयों व कुरीतियों में विभाजित किया जाता है। उसके पश्चात विजयदशमी के दिन इसे रिमोट कंट्रोल के द्वारा अग्रि की भेंट कर प्रतीक स्वरूप जनता को यह संदेश देने का प्रयास किया जाता है कि बुराई चाहे जितनी भी ऊंची क्यों न हो जाए परंतु उसे इसी विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले की ही तरह जलकर नष्ट हो जाना है। परंतु इस बार श्री रालीला क्लब के आयोजकों ने यह फैससला लिया है कि इस बार का पुतला खासतौर पर आतंकवाद को समर्पित पुतला होगा जो न केवल अहंकारी रावण का प्रतीकरूप होगा बल्कि खासतौर पर यह पुतला अहंकार का पुतला होगा।

गौरतलब है कि  विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का निर्माण करने वाला श्री रामलीला क्लब बराड़ा एक ऐसा क्लब है जो देश के लिए सर्वधर्म संभाव व सांप्रदायिक एकता की मिसाल भी कायम करता है। इस क्लब के संस्थापक अध्यक्ष जहां राणा तेजिंद्र सिंह चौहान हैं वहीं क्लब के संयोजक की जि़म्मेदारी समाजसेवी व लेखक तनवीर जाफरी द्वारा निभाई जा रही है। इतना ही नहीं बल्कि इस क्लब में विशालपुतले के निर्माण में भी सभी धर्मों व जातियों के लोग समान रूप से भाग लेते हैं। उड़ी सेक्टर पर भारतीय जवानों पर हुए आतंकवादी हमले के फौरन बाद ही इस क्लब के प्रमुख लोगों द्वारा यह फैसला लिया गया कि 210 फुट ऊंचे रावण के इस विशाल पुतले को इस वर्ष आतंकवाद के पुतले के प्रतीक के रूप में ही जलाया जाए। क्लब के इस फैसले ने देश के मीडिया तथा रावण दहन का आयोजन करने वाले दूसरे तमाम संगठनों का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित किया है। परिणामस्वरूप भारतवर्ष की अनेक रामलीला कमेटियों की ओर से भी ऐसे ही समाचार सुनाई देने लगे हैं कि वे भी इस वर्ष रावण के पुतले का आतंकवाद के पुतले के रूप में दहन कर रहे हैं।

हालांकि आतंकवाद तथा पाकिस्तान द्वारा भारत में आतंकवादी घुसपैठ कराकर यहां भेजने व बड़ी से बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का विरोध भारतीय नागरिकों द्वारा अपने रोष प्रदर्शन के रूप में पहले भी किया जाता रहा है। परंतु इस बार भारतीाय जवानों की इतने बड़े पैमाने पर हुई शहादत का गुस्सा पूरे भारतीय समाज में समान रूप से छाया हुआ पहली बार देखा जा रहा है। और चूंकि दोनों देशों के बीच चल रहे तनावपूर्ण माहौल के दौरान ही हिंदू व मुस्लिम समुदाय के त्यौहार भी साथ-साथ मनाए जा रहे हें। लिहाज़ा देश के इतिहास में शायद यह पहली बार होगा जबकि देशवासियों की नज़रें त्यौहारों को मनाए जाने के साथ-साथ पाकिस्तान की नापाक साजि़शों पर भी रहेंगी। और यह पहला मौका इसलिए भी होगा जबकि क्या मोहर्रम तो क्या दशहरा दोनों ही आयोजनों में समान रूप से आतंकवाद की भत्र्सना की जा रही हो आतंकवाद का पुतला एक ही दिन में एक ही समय पर पूरे देश में लाखों की संख्या में एक साथ जलाया जा रहा हो। और पूरे देश के मुसलमान आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने वाले तथा इसे शह व संरक्षण देने वालों की तुलना यज़ीद जैसे दुष्ट आतंकवादी से कर रहे हों। ज़ाहिर है पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश के लिए भारत की ओर से इससे बड़ा आतंकवाद विरोधी संदेश और क्या हो सकता है जबकि हिंदू-मुसलमान दोनों ही समुदायों के लोग एकजुट होकर अपने-अपने त्यौहारों में भी अपनी मुख्य धार्मिक भावनाओं व रीति-रिवाजों के साथ-साथ आतंकवाद व पाकिस्तानी साजि़शों को भी लानत-मलामत करते दिखाई दे रहे हों।

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Ravan,ravana,ravan invc newsपरिचय – :

निर्मल रानी

लेखिका व्  सामाजिक चिन्तिका

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर निर्मल रानी गत 15 वर्षों से देश के विभिन्न समाचारपत्रों, पत्रिकाओं व न्यूज़ वेबसाइट्स में सक्रिय रूप से स्तंभकार के रूप में लेखन कर रही हैं !

संपर्क -:
Nirmal Rani  : 1622/11 Mahavir Nagar Ambala City13 4002 Haryana ,
Email : nirmalrani@gmail.com –  phone : 09729229728

Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely her own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS.

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